हरिद्वार। विधायक आदेश चैहान ने रानीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जगजीतपुर के वार्ड नंबर 54 फुटबॉल ग्राउंड के सामने राज बिहार कॉलोनी में सड़कों नालियों के निर्माण कार्य का नारियल तोड़कर उद्घाटन किया। इस दौरान वार्ड वासियों ने विधायक आदेश चैहान व पार्षद नागेंद्र राणा का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। विधायक आदेश चैहान ने कहा कि नगर का विकास कराना उनकी अहम जिम्मेदारी है। रानीपुर विधानसभा में पक्की सड़कों के साथ ही पक्की नालियां, जलभराव की समस्या से निजात, पानी की निकासी, पथ प्रकाश की व्यवस्था सहित स्वच्छता के क्षेत्र में भी उनके द्वारा प्रयास लगातार जारी हैं। आदेश चैहान ने कहा कि नगर की जनता के लिए वे दिन-रात सेवारत हैं और किसी भी समस्या एवं समस्याओं का निराकरण कराना उनकी प्रथम प्राथमिकता में शामिल है। पार्षद नागेंद्र राणा ने कहा कि उनके वार्ड की तमाम समस्याओं के समाधान के लिए वे दिन-रात कार्य कर रहे हैं। उनका प्रयास है कि उनका वार्ड स्वच्छ एवं सुंदर हो तथा वार्ड में किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न ना हो। इसके लिए वह लगातार कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में भी रानीपुर सीट से आदेश चैहान की जीत तय है। नागेंद्र राणा ने कहा कि विधायक आदेश चैहान के नेतृत्व में पूरे जगजीतपुर क्षेत्र के सभी वार्डों का समग्र विकास कराया जा रहा है। इस अवसर पर पार्षद मनोज प्रालिया, पार्षद लोकेश पाल, पार्षद विकास कुमार, पार्षद विपिन शर्मा, अमित वालिया, समाजसेवी कमल राजपूत, सन्नी पारचे, पिंटू प्रधान, राकेश धीमान, अनुज त्यागी, योगेंद्र तोमर, पवन कुमार, जसवीर त्यागी, डीएस नेगी, सोम चैहान, विनोद चैहान, अजय बबली, बॉबी कश्यप, अभिराज राजपूत, राहुल चैधरी, अमित कुमार आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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