हरिद्वार। विभिन्न मांगो को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति ने शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान समिति पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। धरना स्थल पर हुई बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष सतीश जोशी व संचालन प्रमोद कुमार डोभाल ने किया। केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राज्य गठन के 21 वर्ष बाद आज तक राज्य आंदोलनकारी अपनी पहचान और राज्य के विकास के लिए संघर्षरत हैं। भाजपा सरकार की ढुलमुल नीतियों के कारण राज्य आंदोलनकारी चिन्हीकरण से वंचित हैं। मुख्यमंत्री ने शासनादेश जारी कर दिया लेकिन जब तक जनपद के समस्त वंचित राज्य आंदोलनकारियों का पूर्ण रूप चिन्हीकरण नहीं हो जाता तब तक संघर्ष समिति आंदोलनरत रहेगी। मुकेश जोशी ने कहा भाजपा और कांग्रेस सरकार ने खटीमा, मसूरी और रामपुर तिराहा कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इससे शहीदों के प्रति सरकारों की भावनाओं का पता चलता है। सभा को संबोधित करने वालों में डीएन जुयाल, अजब सिंह चैहान, तेज सिंह रावत, एसपी बौंठियाल, गोपाल सिंह बडोला, शीशराम शर्मा, विजय जोशी, कमला बडोला आदि शामिल रहे। धरना प्रदर्शन करने वालों में गोपाल सिंह बिष्ट, ख्याति सिंह रावत, आशु बड़थ्वाल, जसवंत सिंह बिष्ट, रमेश रतूड़ी, भगवती प्रसाद काला, मंजू लोहानी, खुशाल सिंह राणा, शांति प्रसाद लखेड़ा, एसएस रावत, सतीश जैन, सुमन चैहान, विष्णु दत्त सेमवाल, परमजीत कौर, जगमोहन सिंह नेगी, बलराम नौटियाल, शमशेर खान, दिनेश चंद्र धीमान, सुमन चैहान, देवकी देवी, विमला बलूनी, शांति मनोडी, मीरा रतूड़ी, सुमति थपलियाल, वीणा नौटियाल, रामरतन यादव, रश्मि चमोली, सुमनलता, पुष्पा देवी, शिवप्रसाद बलूनी, डॉक्टर हरिहरन जोशी, विजय सिंह नेगी, असीम जोशी, रणजीत रावत, गुलाब सिंह, कपिल थपलियाल, भगवान जोशी, कमला, मंजू नौटियाल, शूरवीर सिंह, ललित मोहन जोशी, ओपी कुकरेती, सुनीता जुयाल, गीता देवी आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment