हरिद्वार। उत्तराखंड विद्युत कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा निगम के अधिकारी और संविदा, सेल्फ हेल्प कर्मचारियों ने टूल डाउन, पेन डाउन दूसरे दिन भी जारी रखा। इस दौरान कर्मचारियों ने डिवीजन कार्यालय परिसर में बैठक कर नाराजगी व्यक्त की। बुधवार को ज्वालापुर और मायापुर विद्युत वितरण खंड कार्यालय परिसर में टूल डाउन, पेन डाउन हड़ताल करने के बाद धरना दिया। धरना स्थल पर बैठक का आयोजन किया। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम के कार्मिकों को छठे वेतनमान में मिलने वाली एसीपी की पुरानी 9,5,5 व्यवस्था यथावत दी जाए। सातवें वेतन आयोग में उनकी पुरानी चली आ रही 9-5-5 की एसीपी व्यवस्था समाप्त कर दी गई। जबकि ये व्यवस्था उत्तर प्रदेश के समय से ही मिल रही थी। पे मैट्रिक्स में भी काफी छेड़खानी की गई। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से वार्ता के दौरान आश्वासन दिए जाने के बाद भी उस पर कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया है। 23 को भी टूल डाउन, पेन डाउन रखा जाएगा। इस अवसर पर संदीप शर्मा, केडी जोशी, सन्नी गोस्वामी, अनुज जूड़ीवाल, कमल सिंह, नीरज कुमार, मुकेश वार्ष्णेय, ईशा त्रिपाठी, हयाद सिंह, प्रियंका, आलोक चैहान आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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