हरिद्वार। वैश्विक महामारी के जारी रहने के बीच तीर्थनगरी में पूरे धार्मिक श्रद्वा,उत्साह के साथ गणेशोत्सव की शुरूआत हो गयी। श्रद्वा और उमंग के साथ श्रद्वालुओं ने शुक्रवार को अपने अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की। हलांकि इस बार पण्डाल बनाने की अनुमति नही मिलने के कारण अधिकांश स्थानों पर भगवान गणेश की छोटी प्रतिमा स्थापित हुई है। लेकिन इस वैश्विक महामारी की वजह कोरोना वायरस का प्रभाव गणपति आराधना पर साफ देखा जा सकता है। कई स्थानों पर गणेश द्वारा टीका लगाने का थीम बनाकर लोगों को भगवान गणेश की पूजा अर्चना के साथ लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। गणेश उत्सव के अवसर पर महामाया गणपति संगठन की और से भोलागिरी गिरी रोड़ पर गीता मंदिर में स्थापित किए गए गणपति को वैक्सीनेशन की थीम दी गयी है। प्रतिवर्ष अलग अंदाज में गणपति बनाए जाने के लिए मशहूर महामाया गणपति संगठन ने इस वर्ष वैक्सीनेशन की थीम देकर काफी सूक्ष्म रूप में गणपति बनाये है। जिसमें गणपति महाराज की सवारी मूषक को कोरोना वैक्सीन लगवाते हुए दिखाया है। साथ ही गणपति को भी वैक्सीन की बोतल में बैठाया है। मूर्ति पूरी तरह इको फ्रेंडली है और गणपति बाल रूप में हैं। श्री महामाया संगठन की और से बताया गया कि मूर्ति को बाल रूप देने का उद्देश्य तीसरी लहर के प्रति लोगों को जागरूक करना है। तीसरी लहर के विषय में कहा जा रहा है कि यह बच्चों के लिए काफी खतरनाक हो सकती है। इसी को देखते हुए भगवान गणेश को बाल रूप में दर्शाते हुए लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है। महामाया गणपति संगठन के प्रमुख पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य ने बताया कि लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने लिए एक हाथ में वैक्सीन की बोतल और दूसरे हाथ में इंजेक्शन लिए भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गयी है। धीरज अनेजा ने कहा कि कोरोना काल के कारण सूक्ष्म रूप में विराजमान किए गए गणपति महाराज से प्रार्थना है कि जल्द कोरोना महामारी को समाप्त करें।
हरिद्वार। वैश्विक महामारी के जारी रहने के बीच तीर्थनगरी में पूरे धार्मिक श्रद्वा,उत्साह के साथ गणेशोत्सव की शुरूआत हो गयी। श्रद्वा और उमंग के साथ श्रद्वालुओं ने शुक्रवार को अपने अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की। हलांकि इस बार पण्डाल बनाने की अनुमति नही मिलने के कारण अधिकांश स्थानों पर भगवान गणेश की छोटी प्रतिमा स्थापित हुई है। लेकिन इस वैश्विक महामारी की वजह कोरोना वायरस का प्रभाव गणपति आराधना पर साफ देखा जा सकता है। कई स्थानों पर गणेश द्वारा टीका लगाने का थीम बनाकर लोगों को भगवान गणेश की पूजा अर्चना के साथ लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। गणेश उत्सव के अवसर पर महामाया गणपति संगठन की और से भोलागिरी गिरी रोड़ पर गीता मंदिर में स्थापित किए गए गणपति को वैक्सीनेशन की थीम दी गयी है। प्रतिवर्ष अलग अंदाज में गणपति बनाए जाने के लिए मशहूर महामाया गणपति संगठन ने इस वर्ष वैक्सीनेशन की थीम देकर काफी सूक्ष्म रूप में गणपति बनाये है। जिसमें गणपति महाराज की सवारी मूषक को कोरोना वैक्सीन लगवाते हुए दिखाया है। साथ ही गणपति को भी वैक्सीन की बोतल में बैठाया है। मूर्ति पूरी तरह इको फ्रेंडली है और गणपति बाल रूप में हैं। श्री महामाया संगठन की और से बताया गया कि मूर्ति को बाल रूप देने का उद्देश्य तीसरी लहर के प्रति लोगों को जागरूक करना है। तीसरी लहर के विषय में कहा जा रहा है कि यह बच्चों के लिए काफी खतरनाक हो सकती है। इसी को देखते हुए भगवान गणेश को बाल रूप में दर्शाते हुए लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है। महामाया गणपति संगठन के प्रमुख पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य ने बताया कि लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने लिए एक हाथ में वैक्सीन की बोतल और दूसरे हाथ में इंजेक्शन लिए भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गयी है। धीरज अनेजा ने कहा कि कोरोना काल के कारण सूक्ष्म रूप में विराजमान किए गए गणपति महाराज से प्रार्थना है कि जल्द कोरोना महामारी को समाप्त करें।
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