हरिद्वार। बीएचईएल एजुकेशनल मैंनेजमेंट बोर्ड (ईएमबी) द्वारा संचालित बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-1में कौशल विकास केंद्र की स्थापना की गई है। मुख्य अतिथि बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने कौशल विकास केंद्र उद्घाटन किया। इस अवसर पर शिक्षक दिवस समारोह भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती तथा डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। समारोह को सम्बोधित करते हुए संजय गुलाटी ने कहा कि वर्तमान समय में संसाधनों को बढ़ाना आवश्यक है। शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने ईएमबी के प्रयासों की सराहना की और अपना पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक मानव संसाधन नीरज दवे ने कहा कि इस केंद्र के माध्यम से बच्चों को प्रशिक्षण देकर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के प्रयास किए जाएंगे। महाप्रबंधक (चिकित्सा सेवाएं) डा.सुरजीत दास ने कहा कि अभी भी कोरोना के प्रतिसावधानी बरतना आवश्यक है। इससे पहले ईएमबी के सचिव विनीत जैन ने बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालयों की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों तथा कोरोना काल में बीएचईएल के मुख्य चिकित्सालय में अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। समारोह में स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के समापन पर ईएमबी के संयुक्त सचिव हरेंद्र सिंह माहरा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर शिक्षा अधिकारी बृजपाल, प्रधानाचार्य सुनील त्यागी, ओ.पी. सिंह,के. पी. सिंह,विजय कुमार, काम राज सिंह, वी. के. त्यागी, ईएमबी के सभी पदाधिकारीतथा स्टाफ के सदस्य एवं छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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