हरिद्वार। श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की प्रबंध समिति के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने एक बार फिर से नए अध्यक्ष को मनोनीत कर दिया है। इस बार प्रो. वेद प्रकाश उपाध्याय की जगह प्रो. बिहारीलाल शर्मा को महाविद्यालय की प्रबंध समिति का नया अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। प्रो. बिहारीलाल शर्मा लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद-वेदांग संकाय के ज्योतिष विभाग में वरिष्ठ प्रोफेसर हैं। भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की प्रबंध समिति को लेकर बीते कई महीनों से विवाद चल रहा है। प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के महंत रूपेंद्र प्रकाश भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की प्रबंध समिति में फर्जीवाड़े को लेकर कई आरोप लगा चुके हैं। माना जा रहा है कि प्रबंध समिति में चले रहे विवाद के चलते केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रो. महावीर अग्रवाल को 20 नवंबर 2019 को हटाकर उनके स्थान पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रो. सत्यदेव निगमालंकार को प्रबंध समिति का अध्यक्ष मनोनीत कर दिया था। इसके बाद चार मार्च 2020 को प्रो. सत्यदेव निगमालंकार के स्थान पर प्रो. वेद प्रकाश उपाध्याय को प्रबंध समिति का अध्यक्ष मनोनीत कर दिया था। अब वेद प्रकाश उपाध्याय के स्थान पर लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के वरिष्ठ प्रो.प्रोफेसर बिहारीलाल शर्मा को प्रबंध समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. बीके सिंह देव ने बताया कि प्रो. वेद प्रकाश उपाध्याय को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में शोध परियोजना का अध्यक्ष बनाकर नई जिम्मेदारी दी गई है। जिन के स्थान पर अब महाविद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष पद पर प्रो. बिहारीलाल को मनोनीत किया गया है। बताया कि प्रो. बिहारीलाल शर्मा के 25 शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। आपकी ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्र विषयक अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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