हरिद्वार। श्री अवधूत मंडल आश्रम, निकट शंकर आश्रम, ज्वालापुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन में कथा व्यास गौरदास जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की मंगलमय बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए भगवान की माखन चोरी, चीर हरण, गोचारण लीला का वर्णन करते हुए श्रोताओं को बताया कि भगवान माखन क्यो चुराते हैं क्योंकि माखन में तीन गुण हैं पहला माखन कोमल है दूसरा कठोर नहीं है तीसरा माखन श्वेत है। इसलिए हम सबको कठोर नहीं बनना हैं और माखन जैसा बाहर से है ऐसा ही अंदर से है। हम जैसे बाहर से हैं अगर अंदर से भी ऐसे बन जायेंगे तो प्रभु हमको भी स्वीकार कर लेंगे। इसलिए हर मनुष्य को माखन जैसा बनना चाहिए। कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए बताया कि कैसे भगवान ने कालिया नाग का मर्दन किया भगवान की मधुर-मधुर बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने समस्त श्रोताओं को भजनों द्वारा मंत्रमुग्ध कर दिया। आज कथा में रमेश उपाध्याय, सुमित कुमार, जतिनदास जी महाराज, मानव गुप्ता, कुमुद अग्रवाल, तपन गुप्ता ने भागवत पूजन किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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