हरिद्वार। पिछले 43 दिनों से गंगा की अविरलता,अवैध खनन समेत कई मांगो को लेकर अनशनरत मातृसदन के संत ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का अनशन जिलाधिकारी ने जूस पिलाकर स्थगित करा दिया। इससे पूर्व जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय शुक्रवार को जगजीतपुर स्थित मातृ सदन आश्रम पहुंचकर स्वामी शिवानन्द एवं ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद से सौहार्दपूर्ण माहौल में मुलाकात की। इस मौके पर जिलाधिकारी की स्वामी शिवानन्द एवं ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद जी से विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द से अपना अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया, जिसको स्वीकार करने पर, जिलाधिकारी व आश्रम के संस्थापक स्वामी शिवानन्द ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द को जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द पिछले 18 अगस्त,2021 से गंगा रक्षा संबंधी मांगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन कर रहे थे। मौके पर पत्रकारों से वार्ता करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि आत्माबोधानन्द एक सुयोग्य व्यक्ति हैं, मेरे लिए यह महत्वपूर्णं था कि उनके स्वास्थ्य पर कोई भी गम्भीर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। उन्होंने बताया कि वह पहली बार कल मातृसदन आश्रम आये थे, जहां काफी सौहार्दपूर्ण वातावरण मंे बातचीत हुई थी। उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए आत्मबोधानंद ने शहद का सेवन शुरू किया था। श्री पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार से समय≤ पर जो पत्र आये थे तथा माइनिंग कमेटी के जो दिशा-निर्देश थे, उन्हें अपर मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण, उत्तराखण्ड शासन को इस अनुरोध के साथ प्रेषित कर दिया गया है कि जो मार्गदर्शन पत्र द्वारा दिया गया है उसके अनुरूप कार्यवाही होनी चाहिए। अवैध खनन पर कार्रवाई का उल्लेख करते हुये जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले दो महीने के अन्दर हमने जो कार्यवाही अवैध खनन के विरूद्ध की हैं, स्वामी शिवानन्द जी उससे काफी संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक अवैध खनन में लिप्त 118 वाहन, 06 स्टोन क्रेशर सील किये गये हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि साध्वी पदमावती एवं स्वामी ज्ञानस्वरूप सानन्द उर्फ प्रो0 जी0डी0 अग्रवाल के सम्बन्ध में स्वामी शिवानन्द एवं स्वामी आत्मबोधानन्द जी द्वारा एसआईटी गठन की मांग की गयी है, इस संबंध में निर्णय लेने के लिए शासन को पत्र प्रेषित कर दिया गया है। इस दौरान अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुद्वियाल, स्वामी दयानन्द एवं डाॅ0 विजय वर्मा आदि उपस्थित थे।
हरिद्वार। पिछले 43 दिनों से गंगा की अविरलता,अवैध खनन समेत कई मांगो को लेकर अनशनरत मातृसदन के संत ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का अनशन जिलाधिकारी ने जूस पिलाकर स्थगित करा दिया। इससे पूर्व जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय शुक्रवार को जगजीतपुर स्थित मातृ सदन आश्रम पहुंचकर स्वामी शिवानन्द एवं ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद से सौहार्दपूर्ण माहौल में मुलाकात की। इस मौके पर जिलाधिकारी की स्वामी शिवानन्द एवं ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद जी से विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द से अपना अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया, जिसको स्वीकार करने पर, जिलाधिकारी व आश्रम के संस्थापक स्वामी शिवानन्द ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द को जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द पिछले 18 अगस्त,2021 से गंगा रक्षा संबंधी मांगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन कर रहे थे। मौके पर पत्रकारों से वार्ता करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि आत्माबोधानन्द एक सुयोग्य व्यक्ति हैं, मेरे लिए यह महत्वपूर्णं था कि उनके स्वास्थ्य पर कोई भी गम्भीर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। उन्होंने बताया कि वह पहली बार कल मातृसदन आश्रम आये थे, जहां काफी सौहार्दपूर्ण वातावरण मंे बातचीत हुई थी। उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए आत्मबोधानंद ने शहद का सेवन शुरू किया था। श्री पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार से समय≤ पर जो पत्र आये थे तथा माइनिंग कमेटी के जो दिशा-निर्देश थे, उन्हें अपर मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण, उत्तराखण्ड शासन को इस अनुरोध के साथ प्रेषित कर दिया गया है कि जो मार्गदर्शन पत्र द्वारा दिया गया है उसके अनुरूप कार्यवाही होनी चाहिए। अवैध खनन पर कार्रवाई का उल्लेख करते हुये जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले दो महीने के अन्दर हमने जो कार्यवाही अवैध खनन के विरूद्ध की हैं, स्वामी शिवानन्द जी उससे काफी संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक अवैध खनन में लिप्त 118 वाहन, 06 स्टोन क्रेशर सील किये गये हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि साध्वी पदमावती एवं स्वामी ज्ञानस्वरूप सानन्द उर्फ प्रो0 जी0डी0 अग्रवाल के सम्बन्ध में स्वामी शिवानन्द एवं स्वामी आत्मबोधानन्द जी द्वारा एसआईटी गठन की मांग की गयी है, इस संबंध में निर्णय लेने के लिए शासन को पत्र प्रेषित कर दिया गया है। इस दौरान अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुद्वियाल, स्वामी दयानन्द एवं डाॅ0 विजय वर्मा आदि उपस्थित थे।
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