हरिद्वार। चंडी चैदस के पावन अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने नील पर्वत स्थित सिद्ध स्थल मां चंडी देवी मंदिर पहुंचकर महंत रोहित गिरी महाराज के सानिध्य में मां चंडी देवी की पूजा अर्चना की और हवन यज्ञ कर विश्व कल्याण की कामना की। मां चंडी देवी से कोरोना महामारी समाप्त होने की प्रार्थना की। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि मां चंडी देवी भक्तों को सुख समृद्धि प्रदान करने वाली है। मां की उपासना से प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अपार खुशियां आती हैं और आनंद एवं सुख की अनुभूति होती है। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि श्रद्धा पूर्वक मां की आराधना करने वाले श्रद्धालु भक्तों का कल्याण अवश्य ही निश्चित है। देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरा पर और पतित पावनी मां गंगा के सानिध्य में जो श्रद्धालु भक्त मां की कृपा का पात्र बन जाता है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि सब के दुखों को हरने वाली मां चंडी देवी परम कल्याणकारी है। जिन की आराधना से व्यक्ति आत्मशक्ति और मानसिक सत्य को प्राप्त कर सकता है। मां की अराधना हमें यश वैभव और वैराग्य प्रदान करती है और जीवन में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि चंडी चैदस को देवी मां की आराधना करने से भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है और समस्त मनोकामनाएं स्वतः ही पूर्ण हो जाती हैं। एक समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए मां भगवती का आशीर्वाद अत्यंत आवश्यक है। तभी व्यक्ति अपार सफलताओं को प्राप्त कर सकता है और उसके सभी मनोरथ पूर्ण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मां भगवती के आशीर्वाद से जल्द ही कोरोना महामारी समाप्त हो ऐसी सभी की प्रार्थना है। लेकिन जब तक पूर्ण रूप से कोरोना का खतरा समाप्त नहीं हो जाता तब तक सभी को सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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