हरिद्वार। प्लाट की रजिस्ट्री में गवाह बने व्यक्ति ने प्लाट को अपना बताकर किसी अन्य को बेच दिया, प्लाट क्रेता पूर्व सैनिक जब मौके पर पहुचा तो पता चला उक्त प्लाट की रजिस्ट्री व दाखिल खारिज किसी अन्य के नाम है। धोखाधड़ी का एहसास होने पर उसने कनखल थाना पुलिस से शिकायत दर्ज करायी। थाना कनखल पुलिस ने पूर्व सैनिक से प्लाट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी है। कनखल पुलिस के अनुसार दलवीर सिंह रावत पुत्र स्व. केशर सिंह रावत निवासी केयर ऑफ कुलदीप सिंह रावत राजागार्डन गली नं. पांच जगजीतपुर ने पुलिस को शिकायत देकर वह पूर्व सैनिक हैं। वर्तमान में पीएनबी की कोटद्वार शाखा में बैंक सुरक्षा कर्मी के रूप में तैनात हैं। उनके बड़े भाई कुलदीप सिंह रावत हरिद्वार में रहते हैं। उन्होंने यहां अपना मकान बनाने के लिए वर्ष 2013 में प्लाट की तलाश की। इसी बीच उनकी मुलाकात महेश चंद्र कुशवाह पुत्र चन्द्रपाल सिंह से हुई। महेश ने शीतला मां विहार फेस-3 ग्राम जियापोता में अपना प्लाट बताया। कुलदीप सिंह रावत ने महेश से प्लाट खरीद लिया। उसी वर्ष प्लाट की रजिस्ट्री कराई। आरोप है कि उनके बड़े भाई कुलदीप प्लाट की देखरेख करने के लिए वहां गए तो पहले से खड़े कुछ लोगों ने प्लाट की रजिस्ट्री, दाखिला खारिज अपने नाम दिखाई। ये जानकारी मिलने के बाद दलवीर रावत ने हरिद्वार आकर प्लाट की दूसरी रजिस्ट्री के बारे में तहसील से दस्तावेज प्राप्त किए। जहां से रजिस्ट्री में सोम सिंह निवासी कटारपुर अलीपुर को दर्शाया गया था। जिसने यह प्लाट शिल्पी निवासी प्रेमनगर देहरादून को बेचा हुआ था। प्लाट की रजिस्ट्री में गवाह के रुप में महेश कुशवाहा, संजय कुमार पुत्र बलराम निवासी पहाड़ी बाजार कनखल थे। कनखल थाना प्रभारी ओसीन जोशी के अनुसार धोखाधड़ी के मामले में महेशचंद कुशवाहा पुत्र चंद्र पाल सिंह निवासी ब्रहमविहार फेस-2 लाटोवाली, सोम सिंह पुत्र सुमेरु, मोहित चैहान पुत्र सोम सिंह निवासी ग्राम कटारपुर अलीपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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