हरिद्वार। अपनी मांगो को लेकर उत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोशिएशन ने चरणवबद्व आंदोलन की शुरूआत कर दी है। एसोसियेशन के प्रांतीय कार्यकारिणी के आवाहन पर हरिद्वार में भी लैब तकनीशियनों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। मंगलवार को हरिद्वार के जिला चिकित्सालय, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत लैब टेक्नीशियनो ने अपने चरणबद्ध आंदोलन के तहत काली पट्टी बांधकर अपनी मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोशिएशन के प्रांतीय सचिव महावीर चैहान और प्रांतीय उपाध्यक्ष पंकज वर्मा ने कहा कि संवर्ग के पुनर्गठन, सेवा नियमावली, जोखिम भत्ता, वेतन विसंगति दूर करने समेत विभिन्न मांगों को लगातार उठाया जा रहा है। मंत्री अफसरों के चक्कर काटने के बावजूद कोई ठोस कार्यवाई नहीं हो रही हैं। जिला अध्यक्ष सुरेश बेलवाल ने कहा कि लैब टेक्नीशियनों ने कोरोना काल मे जान जोखिम में डालकर किया, इसको नजर अंदाज किया जा रहा है और सरकार द्वारा घोषित कोरोना प्रोत्साहन राशि से लैब टेक्नीशियन सवर्ग अभी तक वंचित है। उन्होंने चेताया कि आंदोलन के बाद भी समाधान नही हुआ तो संगठन हड़ताल पर जाने को मजबूर होगा। जिला उपाध्यक्ष प्रदीप मौर्य ने बताया कि जल्द मांगे ना मानने पर डेंगू और कोरोना सेम्पलिंग पर असर पड़ेगा। जिला सचिव अरविंद सैनी ने बताया कि प्रांतीय कार्यकारणी के निर्देश पर 14 अकटूवर तक सभी लैब टेक्नीशियन अपने कार्य स्थल पर काली फीति बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। जिले मे नितिन शर्मा, कुंती सिसोदिया, अनुपाल, सारिका कोठियाल, आशा शर्मा, उमेश सैनी, पंकज वर्मा, उपेंद्र पंवर्, जितेंद्र रावत, प्रकाश रावत, अजय मौर्य, पवन कश्यप, संजय चंदसोर्या, उमेश वर्मा, महावीर चैहान, सुरेश बेलवाल अक्षय लाल ने अपने अपने कार्य क्षेत्र में काली फीति बांधकर विरोध किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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