हरिद्वार। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इण्डियन रेडक्रास के तत्वावधान में, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डे के निर्देशन में एवं रेडक्रास सचिव डा0 नरेश चैधरी के संयोजन में हुई संगोष्ठी में रेडक्रास स्वयं सेवकों के साथ-साथ वैक्सीन डोज लगवाने आए हुए लाभार्थियों को भी प्राकृतिक आपदा को कम करने के लिये विशेष रूप से जागरूक किया गया। रेडक्रास सचिव डा0 नरेश चैधरी ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि’’13 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है, वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अक्टूबर के द्वितीय बुधवार को प्राकृतिक आपदा को कम करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाने का फैसला किया गया था जिसे संशोधित करते हुए 13 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गयी। प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस पर विशेष रूप से जनमानस को जागरूक करने का उद्देश्य है कि लोग जागरूक होकर दूसरों को भी प्रोत्साहित करें और प्राकृतिक आपदाओं के खतरों को कम करने के लिये विशेष रूप से जन समाज को प्रेरित करें। प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि भूकंप, बाढ़, सुनामी, भूस्खलन,बादल फटना, चक्रवात आदि को रोका तो नहीं जा सकता है परन्तु समय रहते हमें उनसे आने वाले खतरों को टालना और कम किये जाने की विशेष कोशिश कर सकते हैं। कहा कि सभी विभाग आपदा जोखिम न्यूनीकरण की तैयारियां पूर्व से ही रखें तथा स्कूलों और स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष आकलन रखें। डा0 चैधरी ने संगोष्ठी में ’’प्राकृतिक आपदा की परिभाषा, आपदा से पूर्व तैयारियां, आपदा के समय बचाव कार्य तथा आपदा आने के बाद विशेष रूप से राहत कार्य करने के लिए, किस प्रकार जन समाज जागरूक होकर अपने आप को मानसिक रूप से तैयार कर सकता है’’ विशेष रूप से विस्तृत जानकारी दी। संगोष्ठी में डा.भावना जोशी,डा. आराधना रावत,डा. मनीष बर्त्वाल, डा. वैशाली, डा. स्वप्निल, डा. अंजली, डा. उर्मिला पाण्डेय, डा. गणेश आर्य, तनिष्का चैहान, पूनम, सतेन्द्र सिंह नेगी, अनिल कुमार, मनीष रावत, संतोष कुमार ने सहयोग किया।
हरिद्वार। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इण्डियन रेडक्रास के तत्वावधान में, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डे के निर्देशन में एवं रेडक्रास सचिव डा0 नरेश चैधरी के संयोजन में हुई संगोष्ठी में रेडक्रास स्वयं सेवकों के साथ-साथ वैक्सीन डोज लगवाने आए हुए लाभार्थियों को भी प्राकृतिक आपदा को कम करने के लिये विशेष रूप से जागरूक किया गया। रेडक्रास सचिव डा0 नरेश चैधरी ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि’’13 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है, वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अक्टूबर के द्वितीय बुधवार को प्राकृतिक आपदा को कम करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाने का फैसला किया गया था जिसे संशोधित करते हुए 13 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गयी। प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस पर विशेष रूप से जनमानस को जागरूक करने का उद्देश्य है कि लोग जागरूक होकर दूसरों को भी प्रोत्साहित करें और प्राकृतिक आपदाओं के खतरों को कम करने के लिये विशेष रूप से जन समाज को प्रेरित करें। प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि भूकंप, बाढ़, सुनामी, भूस्खलन,बादल फटना, चक्रवात आदि को रोका तो नहीं जा सकता है परन्तु समय रहते हमें उनसे आने वाले खतरों को टालना और कम किये जाने की विशेष कोशिश कर सकते हैं। कहा कि सभी विभाग आपदा जोखिम न्यूनीकरण की तैयारियां पूर्व से ही रखें तथा स्कूलों और स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष आकलन रखें। डा0 चैधरी ने संगोष्ठी में ’’प्राकृतिक आपदा की परिभाषा, आपदा से पूर्व तैयारियां, आपदा के समय बचाव कार्य तथा आपदा आने के बाद विशेष रूप से राहत कार्य करने के लिए, किस प्रकार जन समाज जागरूक होकर अपने आप को मानसिक रूप से तैयार कर सकता है’’ विशेष रूप से विस्तृत जानकारी दी। संगोष्ठी में डा.भावना जोशी,डा. आराधना रावत,डा. मनीष बर्त्वाल, डा. वैशाली, डा. स्वप्निल, डा. अंजली, डा. उर्मिला पाण्डेय, डा. गणेश आर्य, तनिष्का चैहान, पूनम, सतेन्द्र सिंह नेगी, अनिल कुमार, मनीष रावत, संतोष कुमार ने सहयोग किया।
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