हरिद्वार। शारदीय नवरात्र के पहले दिन बड़ी संख्या में लोगों ने विभिन्न शक्तिपीठो,मंदिरों में जाकर पूजा माता के प्रथम स्वरूप की पूजा अर्चना की। गुरूवार को नवरात्रा के प्रथम दिन विभिन्न शक्ति की अधिष्ठात्री माता के मंदिरों में सुबह से ही विधि-विधान से पूजा अर्चना शुरू हो गई थी। वहीं, घरों में कलश स्थापना कर दुर्गा पूजन किया गया। नवरात्र शुरू होने के साथ ही मनसा देवी, चंडी देवी, माया देवी, सुरेश्वरी देवी, शीतला देवी समेत अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखी गई। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां शैलपुत्री की पूजा करता है, उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है। नवरात्र में नौ दिन मां भगवती के नौ रूपों की अलग-अलग तरीके पूजा करने की विधि है, जिसको अपनाकर भक्त अपने कष्टों को दूर कर सकते हैं।ऐसी मान्यता है कि नवरात्र के दौरान सच्चे मन से की पूजा उपासना से भक्त को अवश्य ही लाभ मिलता है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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