हरिद्वार। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री स्व0लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस दौरान पतंजलि विश्वविद्यालय के शिक्षकों,अधिकारियों तथा छात्र-छात्रओं ने आसपास के ग्रामवासियों को स्वच्छता के प्रति सजग रहने हेतु संकल्पित कराया। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया, परन्तु ‘स्वच्छ भारत’ का उनका सपना अधूरा ही रहा। हमें बापू के अधूरे स्वप्न को पूरा करना है। कहा कि स्वच्छता अभियान मात्र एक दिन साफ-सफाई करने से साकार नहीं होगा, इसे हमें अपनी दैनिक जीवनचर्या में शामिल करना होगा। स्वच्छता का अर्थ सिर्फ यह नहीं है कि हम सिर्फ स्वयं को व अपने घर में साफ-सफाई रखें। स्वच्छता का अर्थ है कि हम अपने मन, शरीर, अपने घर और आसपास की जगहों की भी साफ-सफाई करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता आंदोलन की मशाल देश के प्रत्येक नागरिक के हृदय में जलनी चाहिए। इसकी शुरूआत शिक्षण संस्थानों से करना सबसे बेहतर कदम है। पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका आचार्या साध्वी देवप्रिया ने कहा कि योगगुरू रामदेव स्वच्छता के प्रति पूर्ण सजग हैं तथा समय≤ पर स्वच्छता अभियान चलाकर पूरे विश्व को स्वच्छता का संदेश देते रहते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से स्वच्छता के प्रति समाज में जागरूता फैलाने का आह्वान किया। इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल ने कहा कि हर व्यक्ति को स्वच्छता का संकल्प लेकर सफाई के प्रति अपने जिम्मेदारी को समझते हुए स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग करना चाहिए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। स्वच्छता अभियान में डॉ. वेदप्रिया आर्या, डॉ. निर्विकार, डॉ. नरेन्द्र, डॉ. संजय सिंह, डॉ. अभिषेक भारद्वाज, डॉ. निधिश, डॉ. अंजू त्यागी, डॉ. आरती जी, डॉ. कपिल शास्त्री, स्वामी सोमदेव सहित विश्वविद्यालय के हजारों छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।
हरिद्वार। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री स्व0लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस दौरान पतंजलि विश्वविद्यालय के शिक्षकों,अधिकारियों तथा छात्र-छात्रओं ने आसपास के ग्रामवासियों को स्वच्छता के प्रति सजग रहने हेतु संकल्पित कराया। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया, परन्तु ‘स्वच्छ भारत’ का उनका सपना अधूरा ही रहा। हमें बापू के अधूरे स्वप्न को पूरा करना है। कहा कि स्वच्छता अभियान मात्र एक दिन साफ-सफाई करने से साकार नहीं होगा, इसे हमें अपनी दैनिक जीवनचर्या में शामिल करना होगा। स्वच्छता का अर्थ सिर्फ यह नहीं है कि हम सिर्फ स्वयं को व अपने घर में साफ-सफाई रखें। स्वच्छता का अर्थ है कि हम अपने मन, शरीर, अपने घर और आसपास की जगहों की भी साफ-सफाई करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता आंदोलन की मशाल देश के प्रत्येक नागरिक के हृदय में जलनी चाहिए। इसकी शुरूआत शिक्षण संस्थानों से करना सबसे बेहतर कदम है। पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका आचार्या साध्वी देवप्रिया ने कहा कि योगगुरू रामदेव स्वच्छता के प्रति पूर्ण सजग हैं तथा समय≤ पर स्वच्छता अभियान चलाकर पूरे विश्व को स्वच्छता का संदेश देते रहते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से स्वच्छता के प्रति समाज में जागरूता फैलाने का आह्वान किया। इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल ने कहा कि हर व्यक्ति को स्वच्छता का संकल्प लेकर सफाई के प्रति अपने जिम्मेदारी को समझते हुए स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग करना चाहिए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। स्वच्छता अभियान में डॉ. वेदप्रिया आर्या, डॉ. निर्विकार, डॉ. नरेन्द्र, डॉ. संजय सिंह, डॉ. अभिषेक भारद्वाज, डॉ. निधिश, डॉ. अंजू त्यागी, डॉ. आरती जी, डॉ. कपिल शास्त्री, स्वामी सोमदेव सहित विश्वविद्यालय के हजारों छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।
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