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जिलाधिकारी ने लिया खानपुर क्षेत्र में तटबंध का जायजा,दिए अधिकारियों को निर्देश


 हरिद्वार। खानपुर क्षेत्र के चन्द्रपुरी तटबन्ध में दरार आने की सूचना पर जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने मौके पर पहुचकर तटबन्ध एवं बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होने ट्रैक्टर से भी अन्दरूनी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों से तटबन्ध की मरम्मत के कार्य के सम्बन्ध में जानकारी ली तथा अधिकारियों को तटबन्ध की मरम्मत युद्ध स्तर पर जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिये। श्री पाण्डेय ने बताया कि सिंचाई विभाग की पूरी टीम व अन्य तटबन्ध की मरम्मत में पूरे लगन व मेहनत से लगे हुये हैं तथा लगभग तटबन्ध की मरम्मत हो गयी है। उन्होंने बताया कि तटबन्ध की मुख्य समस्या के बारे में अधिकारियों व स्थानीय लोगों से जानकारी मिली है कि उत्तराखण्ड राज्य के बार्डर तक तो तटबन्ध बना हुआ है, इसके बाद उत्तर प्रदेश बार्डर पर तटबन्ध न होने के कारण जल स्तर बढ़ने पर पानी रिवर्स होकर खेतों में तथा सड़क पर आ गया है। जिलाधिकारी ने मौके पर ही बिजनौर, उ0प्र0 के जिलाधिकारी से तटबन्ध के सम्बन्ध में वार्ता की तथा जिलाधिकारी बिजनौर से मध्य गंगा बैराज के एक दो गेट खुलवाने का अनुरोध किया ताकि क्षेत्र का पानी जल्द से जल्द निकल जाये। श्री पाण्डेय ने कहा कि यह सन्तोषजनक है कि इस आपदा में किसी भी प्रकार की जन-हानि, पशु-हानि, तथा भवनों को क्षति नहीं हुई है। इसके अलावा बिजली की लाइन, पेयजल आदि किसी भी योजना को नुकसान नहीं पहुंचा है तथा स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। खानपुर क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त इलाके का निरीक्षण करने के पश्चात जिलाधिकारी सी0एच0सी0, खानपुर पहुंचे, जहां उन्होंने सी0एच0सी0 खानपुर का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य केन्द्र के कार्मिकों की उपस्थिति रजिस्टर का भी अवलोकन किया, जिसमें पाया गया कि कुल 33 कार्मिकों में से एक डाॅक्टर तथा चार अन्य कार्मिक ही मौके पर उपस्थित थे तथा इस सम्बन्ध में एस0डी0एम0 को भी सूचित कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यन्त गंभीर विषय है तथा इस सम्बन्ध में शासन को प्रकरण सन्दर्भित कर सम्बन्धित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संस्तुति की जायेगी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी पी0एल0 शाह, एस0डी0एम0 लक्सर वैभव गुप्ता, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई सुश्री मंजू सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण तथा क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधि आदि मौजूद थे।


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