हरिद्वार। श्री रामलीला कमेटी रजिस्टर्ड के मंच पर धनुष यज्ञ एवं परशुराम लक्ष्मण संवाद, जनकपुरी, पुष्प वाटिका तथा रावण बाणासुर संवाद की लीला का मंचन कर संपूर्ण समाज को संदेश दिया कि किसी भी काम की सफलता के लिए हरिनाम का स्मरण एवं गुरु का सानिध्य आवश्यक होता है। परशुराम के तपोबल एवं लक्ष्मण के क्षत्रित्व को एक सार्थक संवाद के रूप में इस प्रकार प्रस्तुत किया कि परशुराम की पात्रता से सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। जनकपुरी की पुष्प वाटिका से प्रारंभ हुए मंचन में मां सीता ने अपनी सखियों के साथ गौरी पूजन किया तो भगवान राम एवं लक्ष्मण ने गुरु पूजा के लिए पुष्प संचित करते हुए मां गौरी के दरबार में सीता जी का दर्शन किया। शिवभक्त परशुराम को तपस्या में ही ज्ञात हो गया था कि कहीं कुछ अकिंचन हुआ है और जब उन्होंने जनकपुर जाकर देखा तो आग बबूला हो गए। श्रीराम लीला कमेटी ने लक्ष्मण परशुराम संवाद के माध्यम से दिखाया कि शांति और क्षमा याचना मे ही सम्पूर्ण समस्याओं का समाधान होता है ,और नम्र स्वभाव वाला व्यक्ति ही समस्त शक्तियों पर विजय प्राप्त करता है। भगवान राम की नम्रता और परशुराम के अभिनय की सभी दर्शकों ने मुक्त कंठ से सराहना की। बड़ी रामलीला की मर्यादित प्रस्तुति से प्रभावित होकर संपूर्ण भारतवर्ष में उत्तराखंड की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के माध्यम से हरिद्वार के नाम को प्रसिद्धि प्रदान करने वाले श्री गुरु कृपा औषधालय के संस्थापक वैद्य एमआर शर्मा एवं उनकी धर्मपत्नी पार्षद पुष्पा शर्मा ने राम लीला का दर्शन कर आयोजकों को साधुवाद दिया। अपने मौलिक तथा प्रेरणादायी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध बड़ी रामलीला ताड़का वध के बाद परशुराम लक्ष्मण संवाद की प्रस्तुति तथा जनक दरबार की राजसी साज-सज्जा के माध्यम से दर्शकों की प्रशंसा पाने वाली रामलीला कमेटी के जिन पदाधिकारियों का अथक परिश्रम एवं मार्गदर्शन काम करता है उनमें प्रमुख हैं श्री रामलीला संपत्ति कमेटी के अध्यक्ष गंगा शरण मददगार, मंत्री रविकांत अग्रवाल, कमेटी के अध्यक्ष वीरेंद्र चड्ढा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील भसीन, महामंत्री महाराज कृष्ण सेठ ,मुख्य दिग्दर्शक भगवत शर्मा मुन्ना ,कोषाध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल, मंत्री डॉ संदीप कपूर, प्रेस प्रवक्ता विनय सिंघल, उपमंत्री कन्हैया खेवडिया, संगीत दिग्दर्शक विनोद नयन, वेशभूषा प्रभारी वीरेंद्र गोस्वामी,रूप सज्जा रमन शर्मा, विद्युत व्यवस्था एवं सीनरीअनिल सखूजा ,मयंक मूर्ति भट्ट, दर्पण चड्ढा ,मनोज बेदी ,रमेश खन्ना ,राहुल वशिष्ट, विशाल गोस्वामी ,ऋषभ मल्होत्रा,सुरेंद्र अरोड़ा, पवन शर्मा ,वीरेंद्र गोस्वामी तथा श्रीकृष्ण खन्ना ।मंच संचालन विनय सिंघल तथा डॉ संदीप कपूर ने संयुक्त रूप से किया।
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