हरिद्वार। अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति उत्तराखण्ड पेयजल निगम देहरादून के आहवान पर पेयजल निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने निगम के राजकीयकरण की मांग को लेकर हरिद्वार कार्यालय परिसर में दूसरे दिन भी धरना दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने मांगो को जल्द पूरा करने के लिए पेयजल निगम निर्माण शाखा कार्यालय में कर्मचारियों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। मंगलवार को अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति उत्तराखंड पेयजल निगम के आह्वान पर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। जी0पी0गैरोला की अध्यक्षता और लाल झण्डा मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुदामा प्रसाद के संचालन में धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि शासन से उत्तराखंड पेयजल निगम और उत्तराखंड जल संस्थान का एकीकरण एवं राजकीयकरण करने की मांग की जा रही है, काफी समय से मांगे लम्बित है,लेकिन सरकार कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है। चेतावनी दी कि यदि पेयजलमंत्री के साथ होने वाली बैठक में ठोस कार्यवाही नही होता है कि 28अक्टूबर से प्रस्तावित हड़ताल निश्चित होगी। जिससे जल जीवन मिशन योजना के बाधित होने की पूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखण्ड सरकार की होगी। इस दौरान धरना स्थल पर मौजूद नही रहने वाले अधिकारियों,कर्मचारियों की भत्र्सना की गयी। कहा कि राजकीयकरण किये जाने से सर्वाधिक लाभ राज्य की जनता का होगा तथा पेयजल की समस्या के समाधान हेतु एकल विभाग का ही उत्तरदायित्व होगा।,राजकीयकरण होने से अधिष्ठापन व्यय में भी कमी होगी,जो कि उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य के लिए भी लाभकारी है। मंगलवार को धरना देने वालों में चण्डी प्रसाद शर्मा,आशीष चैहान,नवनीत नेगी,वाई0पी0सिंह, भूपेंद्र फरस्वाण, मोहित जैन, बृजपाल शर्मा, अरूण कुशवाहा, शलभ मित्तल, आजाद सिंह, सुप्रिया कुलश्रेष्ठ, मंगल सिंह नेगी, मो. अनस, मो. सलमान, सचिन कुमार, रोहित कुमार, जगदीश प्रसाद, अनिकेत शर्मा, जीपी गरोला, सुधीर कुमार, शिवांक, मेघराज सिंह, शिव शर्मा, धन सिंह नेगी, अनुराग, सिद्वार्थ, होरीलाल, प्रशांत शर्मा, शिशुपाल सिंह, नवनीत नेगी, मयंक कश्यप, प्रमोद कुमार, विकास सैनी, श्रीमती सुमन आदि शामिल रहे।
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