हरिद्वार। पेयजल निगम व जलसंस्थान का एकीकरण कर राजकीयकरण करने की मांग को लेकर उत्तराखण्ड पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समिति ने प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर कार्यालय परिसर मंें तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान मांगे पूरी नहीं किए जाने पर समिति के पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। धरने का संबोधित करते हुए जीपी गैरोला व सुदामा प्रसाद ने कहा कि पेयजल निगम व जलसंस्थान का एकीकरण कर राजकीय विभाग घोषित किए जाने की मांग लंबे समय से शासन के समक्ष लंबित है। उन्होंने कहा कि दोनो विभागों का एकीकरण कर विभाग बनाए जाने से जनता को लाभ होगा। पेयजल से संबंधित जनता की समस्याओं को तेजी से समाधान हो पाएगा। दोनों विभागों को एक कर राजकीयकरण किए जाने से अधिष्ठान व्यय में भी कमी आएगी। जोकि उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पेयजल मंत्री के साथ होने वाली बैठक में यदि राजकीयकरण पर निर्णय नहीं होता है तो बृहष्पतिवार से हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे। हड़ताल के चलते जनता को होने वाली असुविधाओं के लिए जिम्मेदारी सरकार की होगी। धरना देने वालों में चण्डी प्रसाद शर्मा, आशीष चैहान, नवनीत नेगी, वाईपी सिंह, बृजपाल शर्मा, सुप्रिया कुलश्रेष्ठ, मंगल सिंह नेगी, मौहम्मद अनस, मौहम्मद सलमान, सचिन कुमार, रोहित कुमार, जगदीश प्रसाद, अनिकेत शर्मा, सुधीर कुमार, सुरजन सिंह, अर्जुन शर्मा, राकेश शर्मा, अरूण वर्मा, गीता भवानी, इन्दु उनियाल, लक्ष्मी भण्डारी, संतोष कुमार, अरविन्द चैधरी, बीवी सिंह, शिवांक, मेघराज सिंह, शिव शर्मा, धन सिंह नेगी, अनुराग, सिद्धार्थ, होरीलाल, प्रशांत शर्मा, शिशुपाल सिंह, नवनीत नेगी, मयंक कश्यप, प्रमोद कुमार, विकास सैनी, सुमन आदि अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।
हरिद्वार। पेयजल निगम व जलसंस्थान का एकीकरण कर राजकीयकरण करने की मांग को लेकर उत्तराखण्ड पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समिति ने प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर कार्यालय परिसर मंें तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान मांगे पूरी नहीं किए जाने पर समिति के पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। धरने का संबोधित करते हुए जीपी गैरोला व सुदामा प्रसाद ने कहा कि पेयजल निगम व जलसंस्थान का एकीकरण कर राजकीय विभाग घोषित किए जाने की मांग लंबे समय से शासन के समक्ष लंबित है। उन्होंने कहा कि दोनो विभागों का एकीकरण कर विभाग बनाए जाने से जनता को लाभ होगा। पेयजल से संबंधित जनता की समस्याओं को तेजी से समाधान हो पाएगा। दोनों विभागों को एक कर राजकीयकरण किए जाने से अधिष्ठान व्यय में भी कमी आएगी। जोकि उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पेयजल मंत्री के साथ होने वाली बैठक में यदि राजकीयकरण पर निर्णय नहीं होता है तो बृहष्पतिवार से हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे। हड़ताल के चलते जनता को होने वाली असुविधाओं के लिए जिम्मेदारी सरकार की होगी। धरना देने वालों में चण्डी प्रसाद शर्मा, आशीष चैहान, नवनीत नेगी, वाईपी सिंह, बृजपाल शर्मा, सुप्रिया कुलश्रेष्ठ, मंगल सिंह नेगी, मौहम्मद अनस, मौहम्मद सलमान, सचिन कुमार, रोहित कुमार, जगदीश प्रसाद, अनिकेत शर्मा, सुधीर कुमार, सुरजन सिंह, अर्जुन शर्मा, राकेश शर्मा, अरूण वर्मा, गीता भवानी, इन्दु उनियाल, लक्ष्मी भण्डारी, संतोष कुमार, अरविन्द चैधरी, बीवी सिंह, शिवांक, मेघराज सिंह, शिव शर्मा, धन सिंह नेगी, अनुराग, सिद्धार्थ, होरीलाल, प्रशांत शर्मा, शिशुपाल सिंह, नवनीत नेगी, मयंक कश्यप, प्रमोद कुमार, विकास सैनी, सुमन आदि अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।
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