हरिद्वार। चरस के साथ पकड़े गए तीन आरोपियों को विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट संजीव कुमार ने दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष का कठोर कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चैहान ने बताया कि दो जुलाई 2015 में भगवानपुर थाना के उप निरीक्षक जगमोहन रमोला अपने सहकर्मियों के साथ क्षेत्र में शांति व्यवस्था व देखरेख में गश्त कर रहे थे। जब सिसौना तिराहे पर पहुंचे पुलिसकर्मियों को सिसौना गांव की तरफ से तीन मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति दिखाई दिए। जो पुलिसकर्मियों को देखकर वापिस मुड़ने लगे थे। पुलिसकर्मियों के आवाज देने के बावजूद तीनों मोटरसाइकिल सवार भागने लगे। पुलिसकर्मियों ने पीछाकर तीनों आरोपियों को पकड़ लिया था।तलाशी लेने पर पुलिस को आरोपी कुलदीप व अनिल से 140-140 ग्राम और आरोपी धर्मेंद्र के कब्जे से 120 ग्राम कॉल 400 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपीयों को मौके पर पकड़कर ही लिया था। पुलिस ने आरोपी कुलदीप पुत्र दीपचंद, अनिल पुत्र राजेन्द्र सिंह व धर्मेंद्र पुत्र राजकुमार निवासी गण ग्राम खेड़ी शिकोहपुर थाना भगवानपुर का एनडीपीएस एक्ट में चालान कर जेल भिजवा दिया था। मुकदमे में वादी पक्ष की ओर से 7 गवाहों के बयान कराए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी धर्मेंद्र, कुलदीप व अनिल को दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष की कठोर कैद तथा 50-50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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