हरिद्वार। श्री साधु बेला आश्रम सेवा ट्रस्ट में बेंगलुरु सिंधी समाज द्वारा ब्राह्मण सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें 600 ब्राह्मणों को समाज सेवा में अतुल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बनखंडी साधु बेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि भारत का मुख्य आधार ही ब्राह्मणों से शुरू होता है। ब्राह्मण समाज ने हमेशा राष्ट्र और समाज को नई दिशा देने का कार्य किया। भारत की आजादी में ब्राह्मण वर्ग का विशेष योगदान रहा है और सनातन धर्म के नियमों का पालन कराने में ब्राह्मण समाज की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण के विभिन्न क्षेत्रों साहित्य, विज्ञान, राजनीति संस्कृति, एवं पांडित्य में ब्राह्मणों का अपरिमित योगदान है। ब्राह्मण समाज दुनिया के सबसे पुराने संप्रदाय में से एक है। जो देश दुनिया में धर्म के प्रचार प्रसार एवं धार्मिक क्रियाकलापों में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। प्राचीन काल से ही ब्राह्मण जाति के लोगों को समाज में उच्च स्थान प्राप्त है। जो सबसे ज्ञानी एवं कर्मठ माने जाते हैं और जिनका मुख्य कार्य धर्म और आध्यात्मिक ज्ञान की शिक्षा देकर समाज का मार्गदर्शन करना है। आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि प्राचीन काल से आधुनिक भारत तक ब्राह्मण समाज में अनेकों महान व्यक्ति एवं महान आत्माओं ने जन्म लिया। जिनमें भगवान परशुराम, आचार्य चाणक्य, बाल गंगाधर तिलक आदि प्रमुख हैं। राष्ट्र निर्माण में जिनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। ब्राह्मण समाज के लोगों की पारंपरिक दिनचर्या और व्यवहारिक स्थिति अपने आप में एक आदर्श है। जिससे समाज को शिक्षा लेकर समाज कल्याण में अपनी अहम भूमिका प्रदान करनी चाहिए। गोकुलधाम के महंत परमेश्वर दास महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए वर्तमान में शक्ति और शास्त्र दोनों की ही आवश्यकता है और भगवान परशुराम को आज दोबारा से परिभाषित करने की जरूरत है। महंत सुखदेवानंद एवं महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि ब्राह्मण समाज का इतिहास प्राचीन भारत के वैदिक धर्म से आरंभ होता है। ब्राह्मण स्वयं को ही सुसंस्कृत करके विश्राम नहीं लेते अपितु दूसरों को भी अपने गुणों का दान आचार्य अथवा पुरोहित के रूप में करते हैं। कहा कि भगवान परशुराम ने किसी एक जातीय वर्ग विशेष के लिए नहीं बल्कि सर्व समाज के लिए कार्य किया था। इसलिए आज भी उनकी नीतियां एवं शिक्षा प्रासंगिक हैं। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज को उन्नति की ओर अग्रसर करने में अपना योगदान देना चाहिए। तभी राष्ट्रीय एकता और अखंडता को कायम रखा जा सकता है। इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारे सभी ब्राह्मणों का बेंगलुरु सिंधी समाज के सदस्य अमरलाल कुकरेजा, लालचंद नागपाल, गोपाल दास, ठाकुर दास एवं श्री चंद कुकरेजा ने फूल माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस अवसर पर सुनील भाटिया, नारायण नागपाल, चमन लाल तलरेजा, बलराम मुनि, गोपाल दत्त पुनेठा, विष्णु दत्त पुनेठा उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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