हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में जल शक्ति अभियान कैच द रेन एवं जल संचय संरक्षण-संवद्र्वन अभियान के क्रियान्वयन हेतु गठित समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी को सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि इधर प्रायः यह देखने में आ रहा है कि पानी बरसने की मात्रा तो बढ़ रही है, लेकिन पानी बरसने के दिनों की संख्या में लगातार कमी होती जा रही है, जिसको देखते हुये भारत सरकार की ओर से जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है, जिसके लिये एक पोर्टल भी बनाया गया है, जिसमें सभी विभाग अपना-अपना डॉटा अपलोड करेंगे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद के अन्तर्गत वर्षा के जल संरक्षण हेतु वर्तमान में अवस्थित जल संरचनाओं का साइंटिफिक एक्शन प्लान जीआईएस मैप पर तैयार कर लिया जाये, जिसमें जनपद की समस्त जल इकाईयों एवं जल संवर्द्धन संरचनाओं को चिह्नित एवं सूचीबद्ध किया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि समस्त विभागों द्वारा जल संरक्षण एवं सम्बर्द्धन से सम्बन्धित जो भी कार्य कराये गये हैं एवं कराये जा रहे कार्यों को भी पोर्टल पर अपलोड किया जाये। श्री पाण्डेय ने अधिकारियों से कहा कि वर्तमान में जल संरचनाओं की क्या स्थिति है तथा कहा पर मरम्मत व उसके पुनरूद्धार की आवश्यकता है, इसे भी जीआईएस मैप पर अंकित किया जाये। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में राजस्व विभाग से भी सम्पर्क स्थापित किया जाये।जिलाधिकारी ने पंचायती राज एवं मत्स्य विभाग द्वारा जल संचय संरक्षण-सम्बर्द्धन के क्षेत्र में कराये जा रहे कार्यों को भी पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह चैहान, ए0ई0 सिंचाई विभाग सुमित मालवाल, अपर सहायक अभियन्ता कृषि सन्दीप कुमार, वन विभाग, लघु सिंचाई, जल निगम सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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