हरिद्वार। पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर और देव भूमि उत्तराखंड की पवित्र धरा पर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है और जो व्यक्ति भगवान श्री हरि की कथा का श्रवण कर लेता है उसका कल्याण स्वयं ही निश्चित हो जाता है। भारत माता पुरम स्थित नकलंक धाम में राम प्रिया फाउंडेशन अमरावती के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर व्यक्ति को भागवत कथा श्रवण का अवसर मिलता है। भागवत में निहित सार को अपने जीवन दर्शन में उतार कर हमें उसे अपने व्यवहार में शामिल करना चाहिए तभी कथा श्रवण की सार्थकता है। कथा व्यास सुश्री रामप्रिया माई ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा परम कल्याणकारी है और सब का उद्धार करने वाली है। भगवान श्री कृष्ण की मधुर वाणी का सार जो व्यक्ति श्रवण कर लेता है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। महंत देवेंद्र दास महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का रसपान जब मातृशक्ति के मुख से श्रोताओं को कराया जा रहा हो तब इसका महत्व और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है जो व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय मिटाकर उसके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। इस अवसर पर स्वामी आनन्दमय, महंत देवेंद्रदास, स्वामी शिवजी महाराज, डा.नवल कुमार, शशीप्रभा भारती आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर और देव भूमि उत्तराखंड की पवित्र धरा पर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है और जो व्यक्ति भगवान श्री हरि की कथा का श्रवण कर लेता है उसका कल्याण स्वयं ही निश्चित हो जाता है। भारत माता पुरम स्थित नकलंक धाम में राम प्रिया फाउंडेशन अमरावती के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर व्यक्ति को भागवत कथा श्रवण का अवसर मिलता है। भागवत में निहित सार को अपने जीवन दर्शन में उतार कर हमें उसे अपने व्यवहार में शामिल करना चाहिए तभी कथा श्रवण की सार्थकता है। कथा व्यास सुश्री रामप्रिया माई ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा परम कल्याणकारी है और सब का उद्धार करने वाली है। भगवान श्री कृष्ण की मधुर वाणी का सार जो व्यक्ति श्रवण कर लेता है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। महंत देवेंद्र दास महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का रसपान जब मातृशक्ति के मुख से श्रोताओं को कराया जा रहा हो तब इसका महत्व और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है जो व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय मिटाकर उसके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। इस अवसर पर स्वामी आनन्दमय, महंत देवेंद्रदास, स्वामी शिवजी महाराज, डा.नवल कुमार, शशीप्रभा भारती आदि मौजूद रहे।
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