हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महंत रविन्द्र पुरी महाराज का कहना है कि भगवान शिव के ससुराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल में स्थित है और यहां समय≤ पर हरीश रावत के द्वारा पहले भी कई बार अभिषेक पूजा किया गया है। मंदिर में क्योंकि सभी पार्टियों के लोग आते हैं और वे यहां भगवान शिव को उन्होंने जलाभिषेक किया और यहां जो संत थे उन सभी संतों का उन्होंने आशीर्वाद प्राप्त किया यही हमारी पौराणिक परंपरा है किसी भी संत के द्वार पर जब कोई राजनेता जाता है तो वह उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखता है। कुछ समय पूर्व इसमें बीजेपी के विधायक आदेश चैहान आए थे, सभी लोग यहां पर आते हैं मंदिर में किसी के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मन्दिर अथवा शिवालय कोई पार्टी का विषय नहीं है, केदारनाथ का जो पुनः निर्माण हुआ है वह पहले की जो सरकार थी उसने प्रारंभ किया। वर्तमान राज्य सरकार ने उसको आगे बढ़ाया। प्रधानमंत्री जी ने स्वयं निष्ठा व श्रद्धा के आधार पर उसमें रुचि ली, अच्छा विकास हुआ है। जहां तक शंकराचार्य की प्रतिमा और उनकी समाधि के अनावरण का प्रश्न है,चूंकि परिस्थितियां कुछ ऐसी रही हम लोगों को भी आमंत्रित किया गया था हम लोगों ने सहमति दी थी लेकिन सरकारक की ओर से कहा गया कि दिवाली के दिन ही आप लोगों को चलना पड़ेगा, तो हम लोगों ने उसके लिए असमर्थता जाहिर की थी। कहा कि संतों की तरफ से 2-3 प्रतिनिधि गए। हमारे अखाड़ों के आचार्य हैं निरंजनी अखाड़े के आचार्य आचार्य कैलाशानंद जी महाराज और आनंद अखाड़े के आचार्य बालकानंद जी महाराज, उनसे मेरी चर्चा भी हुई थी। कहा कि मौके पर तीन-चार संत उपस्थित थे, लेकिन संत का नाम लेना अथवान नही लेना यह उनका अपना विषय है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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