हरिद्वार। लोकआस्था का महापर्व छठ सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगी। चार दिवसीय पर्व के दूसरे दिन मंगलवार को खरना, बुधवार को अस्ताचलगामी और गुरुवार को उदीयमान सुर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। दूसरी ओर लोकआस्था के इस चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर शहर और देहात में पूर्वाचलियों की ओर से विशेष तैयारियां की गई हैं। परम्परा है कि पहले दिन छठ व्रती महिला गंगा स्नान कर लौकी और चने की दाल की सब्जी और चावल का भात ग्रहण करेंगी। अगले दिन चैबीस घंटे निराहार रहकर छठ व्रती महिला चावल और गुड़ की बनी खीर और रोटी प्रसाद रूप में सूर्यदेव को अर्पित करेंगी। बुधवार को गंगा तटों पर नाना प्रकार के पकवान और मौसमी फलों के साथ अस्ताचलगामी सूर्य और गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महाव्रत का समापन होगा। महापर्व को लेकर बाजारों में खरीददारी को लेकर अभी से ही चहल पहल शुरू हो गई है। पूर्वांचल जन जागृति संस्था के संरक्षक कमलेश्वर मिश्रा, उपाध्यक्ष ललिता मिश्रा ने बताया कि संस्था के बैनर तले हरकी पैड़ी के अलावा कनखल सती घाट, भीमगोड़ा, बैरागी कैंप और प्रेमनगर आश्रम घाट पर सामूहिक छठ पूजन होगा। छठ व्रतियों को सूर्यदेव को अध्र्य देने के लिए दूध आदि की व्यवस्था संस्था की ओर से भी की जाएगी। बुधवार को संध्याकालीन अध्र्य देने के बाद जो श्रद्धालु गंगा घाटों पर भोर तक रुकना चाहेंगे उनके लिए दरी कंबल, टेंट आदि की भी व्यवस्था करायी जाएगी। हरकी पैड़ी पर पर्याप्त रोशनी की भी व्यवस्था की जाएगी। बताया कि संस्था की ओर से इस बार कलश यात्रा नहीं निकाली जाएगी। वहीं पूर्वांचल उत्थान संस्था, भोजपुरी लोक समिति आदि छठ पूजा की तैयारियों में जुटी है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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