हरिद्वार। श्री बनखंडी साधु बेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा है कि प्राचीन काल से आधुनिक भारत तक संत महापुरुष देश दुनिया में धर्म का प्रचार प्रसार कर भारत का मान बढ़ा रहे हैं और महापुरुषों के तपोबल से ही विश्व में भारत की एक अलग पहचान है। भूपतवाला स्थित श्री साधु बेला सेवा आश्रम ट्रस्ट में श्रद्धालु भक्तों को संत भक्ति का सार समझाते हुए आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों के माध्यम से व्यक्ति परमात्मा की शरण में पहुंचता है और उसे सांसारिक ज्ञान का बोध होता है। क्योंकि गुरु ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है। जो ईश्वर की भावनाएं होती हैं। जो ईश्वर के सारे उद्देश्य होते हैं एवं ईश्वर जिन अच्छाई एवं भावनाओं से जुड़ा होता है। वह सब संत महापुरुषों में निहित होती है। संतो के जीवन में समाज भी यही खोजता है। आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि संत स्वयं को केवल समाज के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए मानवता के लिए और संपूर्ण प्राणियों के लिए समर्पित कर सब के विकास को गति देते हैं। जिस प्रकार लोकतंत्र प्रतिनिधि तंत्र है। ठीक वैसे ही संतों का समाज भी ईश्वर का प्रतिनिधि तंत्र है। उसके सभी उद्देश्य इच्छाओं लीलाओं एवं क्रियाओं को संत महापुरुष समाज कल्याण के लिए प्रयुक्त करते हैं। वास्तव में आंतरिक उत्कर्ष ही सम तत्व का लक्षण है। संत का कर्म कभी स्वार्थ के अनुरूप नहीं होता। हमेशा परमार्थ के अनुरूप होता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को संतो के शरणागत होकर अपने जीवन के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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