हरिद्वार। सूर्य उपासना का सबसे बड़ा चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन पर्व व्रतियों ने अस्तांचगामी सूर्य को पहला अध्र्य देकर परिवार के सुख-समृद्वि की कामना की। अघ्र्य देने के दौरान श्रद्वालुओं ने भगवान भाष्कर से विश्व कल्याण और परिवार के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। छठ महापर्व को लेकर वैसे तो गंगा के किनारे विभिन्न घाटों पर श्रद्वालुओं की चहल पहल दोपहर बाद से ही दिखाई दे रहा था,लेकिन मुख्य रूप से हरकी पैड़ी एवं आसपास के गंगा घाटों पर खासा रौनक पर्व की छटा बिखेर रही थी। चार दिवसीय पर्व का समापन गुरुवार को उगते सूर्य को अघ्र्य के साथ संपन्न हो जाएगा। ज्ञात रहे कि चार दिवसीय व्रत की शुरूआत नहाय खाय से शुरू हुई,दूसरे दिन खरना की रस्म पूरी करने के बाद मंगलवार को महिलाओं का निर्जला व्रत शुरू हो गया था। बुधवार को तीसरे दिन छठ व्रतियों ने अस्तांचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। बुधवार को दोपहर से ही गंगा घाटों पर छठ व्रतियां और परिजन गंगा घाटों का रुख करते रहे। कनखल क्षेत्र में दक्ष प्रजापति घाट, चैधरी चरण सिंह घाट, गोविंद घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, महर्षि कश्यप घाट, मुनि घाट, शहीद भगत सिंह घाट, अग्रसैन घाट, सतनाम साक्षी घाट, श्रीकृष्ण घाट, विवेकानंद घाट, लवकुश घाट, अमरापुरा घाट और बैरागी कैंप स्थित गंगा घाट आदि पर व्रती महिलाओं ने पहुंचकर तैयारी शुरू कर दी थी। सूर्यास्त होने से पहले से ही गंगाजल में महिलाएं खड़ी हो गई। व्रती महिलाओं के साथ साथ बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने अस्तांचलगामी सूर्य को अध्र्य देकर परिवार के साथ साथ विश्व कल्याण की कामना की। पर्व को लेकर पूर्वांचल जन जागृति संस्था के संरक्षक कमलेश्वर मिश्रा एवं अध्यक्ष पंडित ब्रह्मा शंकर चैबे ने बताया कि छठ पर्व पर भगवान सूर्य देव को मौसम के अनुरूप फलों के अलावा खास तौर पर तैयार किया गया ठेकुवा प्रसाद चढ़ाया जाता है। पूर्वांचल जन जागृति संस्था की ओर से बैरागी कैंप स्थित घाट पर छठ पर्व को लेकर सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने शाम को अस्तांचलगामी सूर्य को अध्र्य दिया। छठ पर्व को लेकर पूर्वांचल के लोगों की अलग-अलग समितियों की ओर से गंगा घाटों पर रोशनी, ठहरने आदि के इंतजार किए गए हैं। बुधवार की शाम अस्तांचलगामी दिया गया। इसके बाद आज गुरुवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अध्र्य दिया जाएगा।
हरिद्वार। सूर्य उपासना का सबसे बड़ा चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन पर्व व्रतियों ने अस्तांचगामी सूर्य को पहला अध्र्य देकर परिवार के सुख-समृद्वि की कामना की। अघ्र्य देने के दौरान श्रद्वालुओं ने भगवान भाष्कर से विश्व कल्याण और परिवार के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। छठ महापर्व को लेकर वैसे तो गंगा के किनारे विभिन्न घाटों पर श्रद्वालुओं की चहल पहल दोपहर बाद से ही दिखाई दे रहा था,लेकिन मुख्य रूप से हरकी पैड़ी एवं आसपास के गंगा घाटों पर खासा रौनक पर्व की छटा बिखेर रही थी। चार दिवसीय पर्व का समापन गुरुवार को उगते सूर्य को अघ्र्य के साथ संपन्न हो जाएगा। ज्ञात रहे कि चार दिवसीय व्रत की शुरूआत नहाय खाय से शुरू हुई,दूसरे दिन खरना की रस्म पूरी करने के बाद मंगलवार को महिलाओं का निर्जला व्रत शुरू हो गया था। बुधवार को तीसरे दिन छठ व्रतियों ने अस्तांचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। बुधवार को दोपहर से ही गंगा घाटों पर छठ व्रतियां और परिजन गंगा घाटों का रुख करते रहे। कनखल क्षेत्र में दक्ष प्रजापति घाट, चैधरी चरण सिंह घाट, गोविंद घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, महर्षि कश्यप घाट, मुनि घाट, शहीद भगत सिंह घाट, अग्रसैन घाट, सतनाम साक्षी घाट, श्रीकृष्ण घाट, विवेकानंद घाट, लवकुश घाट, अमरापुरा घाट और बैरागी कैंप स्थित गंगा घाट आदि पर व्रती महिलाओं ने पहुंचकर तैयारी शुरू कर दी थी। सूर्यास्त होने से पहले से ही गंगाजल में महिलाएं खड़ी हो गई। व्रती महिलाओं के साथ साथ बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने अस्तांचलगामी सूर्य को अध्र्य देकर परिवार के साथ साथ विश्व कल्याण की कामना की। पर्व को लेकर पूर्वांचल जन जागृति संस्था के संरक्षक कमलेश्वर मिश्रा एवं अध्यक्ष पंडित ब्रह्मा शंकर चैबे ने बताया कि छठ पर्व पर भगवान सूर्य देव को मौसम के अनुरूप फलों के अलावा खास तौर पर तैयार किया गया ठेकुवा प्रसाद चढ़ाया जाता है। पूर्वांचल जन जागृति संस्था की ओर से बैरागी कैंप स्थित घाट पर छठ पर्व को लेकर सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने शाम को अस्तांचलगामी सूर्य को अध्र्य दिया। छठ पर्व को लेकर पूर्वांचल के लोगों की अलग-अलग समितियों की ओर से गंगा घाटों पर रोशनी, ठहरने आदि के इंतजार किए गए हैं। बुधवार की शाम अस्तांचलगामी दिया गया। इसके बाद आज गुरुवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अध्र्य दिया जाएगा।
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