हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान के प्रो. आरसी दूबे के निर्देशन में एक छात्रा ने गंगाजल की गुणवत्ता को लेकर शोध कार्य किया है। जिसका शोधपत्र देश की मानी हुई पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। उक्त पत्रिका कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ को भेंट किया। गंगा सभा गंगा जल की चेतना के लिए शोध पत्र को लघु पुस्तिका के रूप में आने वाले श्रद्धालुओं को वितरित करेगी। गुरुकुल कांगड़ी विवि और गंगा सभा मिलकर गंगा के प्रति लोगों को जागरूक करने की दिशा में कार्य करेंगे। इस संदर्भ में रविवार को गुरुकुल कांगड़ी विश्वद्यिालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा तथा महामंत्री तन्मय वशष्ठि के बीच कुलपति कार्यालय में बैठक की। कुलपति ने कहा कि गंगा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। गंगा सभा के अध्यक्ष और महामंत्री ने कहा कि आने वाले समय में गंगा सभा और गुरुकुल द्वारा गंगा की निर्मलता को लेकर संगोष्ठियों तथा अन्य जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. सुनील कुमार ने कहा कि गंगा सभा और गुरुकुल कांगड़ी मिलकर गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने की दिशा में पहल करने जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रो. वीके सिंह व प्रो. आरसी दुबे ने विचार रखे। विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों द्वारा गंगा सभा के पदाधिकारियों का शॉल पहनाकर स्वागत किया गया। इस मौके पर डॉ. पंकज कौशिक, कुलदीप, कुलभूषण शर्मा आदि अन्य प्राध्यापक व कर्मचारी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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