हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज (मरणोपरान्त) को पद्मविभूषण पुरूस्कार से सम्मानित किए जाने पर उनके हरिद्वार स्थित मठ श्रीमधवाश्रम पेजावर अधोक्षज् ट्रस्ट में प्रसन्नता का माहौल है। हाल ही में ब्रह्मलीन स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज को (मरणोपरान्त) पदम्विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। ब्रह्मलीन स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज के शिष्य स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ महाराज ने राष्ट्रपति के हाथों पदम्विभूषण पुरूस्कार प्राप्त किया। आश्रम के प्रबंधक मनोज आचार्य जोशी व सेवक कमल पटेल ने बताया कि धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार तथा संवर्द्धन में ब्रह्मलीन विश्वेशतीर्थ महाराज के अतुलनीय योगदान को सदा स्मरण रखा जाएगा। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी रहे स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज शास्त्र पारंगत, चारों वेद, व्याकरण, योग व वनस्पति के विद्वान संत थे। धर्म संस्कृति मे संरक्षण संवर्द्धन के साथ उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में भी विशेष योगदान दिया। सात से अधिक गुरूकुल, दो गुरूकुल व वृद्धाश्रम के माध्यम से निःशुल्क सेवा कार्य निरंतर संचालित हो रहे हैं। ऐसे महान संत को पदम्विभूषण से सम्मानित किया जाना बेहद प्रशसंनीय है। इस अवसर पर पवन आचार्य बेन्गेरी, प्रसाद आचार्य, श्रृंगेश भट्ट, विपिन भार्गव, शिवम भट्ट, नरेंद्र पाटीदार, मनोज जखमोला, मुकेश गोनियाल, देवेंद्र मोहन, संशेर, शेरू, रामु, योगेश, राजपाल नेगी, कमलेश काण्डपाल, वैभव भार्गव, सत्य, शिवम, विवेक, परमेश्वर दास, नकुल, माताप्रसाद, राजकुमार राणा, हरिभट्ट, राघवेन्द्र भट्ट, केजी भट्ट, रामाचार्य, स्वामी जगदीश दास, साध्वी जगदम्बा माता आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज (मरणोपरान्त) को पद्मविभूषण पुरूस्कार से सम्मानित किए जाने पर उनके हरिद्वार स्थित मठ श्रीमधवाश्रम पेजावर अधोक्षज् ट्रस्ट में प्रसन्नता का माहौल है। हाल ही में ब्रह्मलीन स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज को (मरणोपरान्त) पदम्विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। ब्रह्मलीन स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज के शिष्य स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ महाराज ने राष्ट्रपति के हाथों पदम्विभूषण पुरूस्कार प्राप्त किया। आश्रम के प्रबंधक मनोज आचार्य जोशी व सेवक कमल पटेल ने बताया कि धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार तथा संवर्द्धन में ब्रह्मलीन विश्वेशतीर्थ महाराज के अतुलनीय योगदान को सदा स्मरण रखा जाएगा। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी रहे स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज शास्त्र पारंगत, चारों वेद, व्याकरण, योग व वनस्पति के विद्वान संत थे। धर्म संस्कृति मे संरक्षण संवर्द्धन के साथ उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में भी विशेष योगदान दिया। सात से अधिक गुरूकुल, दो गुरूकुल व वृद्धाश्रम के माध्यम से निःशुल्क सेवा कार्य निरंतर संचालित हो रहे हैं। ऐसे महान संत को पदम्विभूषण से सम्मानित किया जाना बेहद प्रशसंनीय है। इस अवसर पर पवन आचार्य बेन्गेरी, प्रसाद आचार्य, श्रृंगेश भट्ट, विपिन भार्गव, शिवम भट्ट, नरेंद्र पाटीदार, मनोज जखमोला, मुकेश गोनियाल, देवेंद्र मोहन, संशेर, शेरू, रामु, योगेश, राजपाल नेगी, कमलेश काण्डपाल, वैभव भार्गव, सत्य, शिवम, विवेक, परमेश्वर दास, नकुल, माताप्रसाद, राजकुमार राणा, हरिभट्ट, राघवेन्द्र भट्ट, केजी भट्ट, रामाचार्य, स्वामी जगदीश दास, साध्वी जगदम्बा माता आदि उपस्थित रहे।
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