हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री कृष्णा हरि धाम ट्रस्ट में गुरुजन स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने की। जबकि अवधूत मंडल आश्रम के अध्यक्ष स्वामी संतोष दास महाराज मुख्य अतिथी के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में स्वामी अनंतानंद महाराज, स्वामी विवेकानंद, महाराज, स्वामी रवि देव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास,स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी दुर्गा दास, स्वामी उमेश मुनि, महंत शुभम गिरी, स्वामी शिवानंद आदि सहित सभी अखाड़ों आश्रमों के संत महंतों ने ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद महाराज, ब्रह्मलीन स्वामी हरिदास महाराज, ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ दास महाराज, ब्रह्मलीन जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंस देवाचार्य महाराज को भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा धर्म संस्कृति मे प्रचार प्रसार तथा राममंदिर निर्माण में जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंस देवाचार्य के अहम योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। भागवत के प्रकाण्ड विद्वान ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद एवं ब्रह्मलीन स्वामी हरिदास महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म के मार्ग पर अग्रसर करने में दोनों ही संतों ने अहम योगदान दिया। सभी को उनके जीवन से प्ररेणा लेकर धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार तथा समाज सेवा में योगदान करने लिए तत्पर रहना चाहिए।कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए श्री कृष्णा हरि धाम ट्रस्ट के परमाध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमानंद शास्त्री महाराज ने कहा कि गुरूजनों के दिखाए मार्ग पर चलते हुए उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों को आगे बढ़ाएंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment