हरिद्वार। सप्तऋषि क्षेत्र में परमार्थ घाट पर स्नान के दौरान गंगा में डूबे छात्र, शांतिकुंज के स्वंय सेवक और फक्कड़ साधु की तलाश ड्रोन से की गई लेकिन फिलहाल तीनों का सुराग नहीं लगा। वही प्रशासन की ओर से गंगा घाट से गंगा की मुख्य धारा तक आमजन के पहुंचने से रोकने के लिए जेसीबी की मदद से पत्थरों की ढांग बना दी गई है। पिछले तीन दिन में 11वीं कक्षा में अध्यनरत संस्कृत छात्र रवि मिश्रा, एक फक्कड़ साधु एवं शांतिकुंज का स्वंय सेवक योगेश पाटिल परमार्थ आश्रम गंगा घाट पर डूब गए थे। छात्र एवं स्वंयसेवक गंगा में नहाने के लिए गए थे जबकि फक्कड़ साधु को डूबते हुए गंगा घाट पर मौजूद लोगों ने देखा था। परमार्थ आश्रम गंगा घाट पर डूबने की दो घटनाएं साथ होने पर पुलिस की भी परेशानी बढ़ गई है। जल पुलिस की मदद से डूबे हुए सभी लोगों की तलाश की गई लेकिन उनका पता नहीं चल सका। रविवार को सप्तऋषि चैकी प्रभारी प्रवीण सिंह रावत ने ड्रोन कैमरे की मदद से डूबे हुए लोगों को तलाश किया। लेकिन कोई सफलता नहीं मिल सकी। चैकी प्रभारी ने बताया कि गंगा घाट से गंगा की तरफ जेसीबी से एक पत्थर की ढांग बना दी गई है, जिससे कि कोई उस ढांग को पार कर गंगा के बीचोंबीच न जा सके। बताया कि डूबे हुए सभी लोगों की तलाश की जा रही है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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