हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी पाया है। आयोग ने बीमा कंपनी को मृत भैंस की बीमित राशि चालीस हजार रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति व शिकायत खर्च के रूप में पांच हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं। ग्राम केहड़ा लक्सर निवासी शिकायत कर्ता अशोक कुमार ने प्रबन्धक सहकारी गन्ना समिति दाबकी कलां लक्सर, स्थानीय बीमा कंपनी दी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड,सिविल लाइन रुड़की के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दायर की थी। कहना था कि उसने सहकारी समिति से स्वरोजगार के लिए 75 हजार रुपये का लोन लेकर भेंष खरीदी थी। साथ ही 9262 रुपये का प्रिमियम रसीद के साथ भैंस का पचास हजार रुपये का बीमा भी कराया था। दिसम्बर 2016 में बीमारी से भैंस मर गई। स्थानीय पशु चिकित्सक ने पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया था। बीमा कंपनी के सर्वेयर ने मृतक भैंस का मुआयना किया था। बीमे की मांग करने पर कोई कार्यवाहीं नहीं हुई। नोटिस पर बीमा कंपनी ने भैंस के कान में छल्ला नही होने की वजह बताते हुए क्लेम निरस्त कर दिया था।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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