हरिद्वार। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने 21 नवंबर को दिल्ली के कालका मंदिर में आयोजित होने वाले मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन के लिए संत समाज से एकजुट होने का आवाहन किया है। भूपतवाला स्थित हरीधाम सनातन सेवा ट्रस्ट आश्रम में प्रेस को जारी बयान में आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि सरकार और प्रशासन किसी भी मठ मंदिर की परेशानी और दिक्कत को तो हर प्रकार से नजर अंदाज कर देते हैं। लेकिन वहां चढ़ने वाले दान पर उनकी नजर बनी रहती है। मठ मंदिर आश्रम से संचालित होने वाले सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज को लाभ प्रदान होता है और जब भी कभी देश पर कोई दिक्कत या परेशानी आती है तो संत समाज सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहता है। लेकिन मात्र सनातन धर्म को ही निशाना बनाकर उस पर कुठाराघात किया जा रहा है। सरकार एवं प्रशासन हिंदू मठ मंदिरों को अधिग्रहण करने के बजाए उनके बेहतर रखरखाव और सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जब संत समाज को एकजुट होकर सरकार को इसका जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि दान से मिलने वाले रुपयों से संत समाज मठ मंदिर और आश्रमों का संचालन करते हैं और अनेकों सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज की सेवा करते रहते हैं। सरकार मंदिरों का अधिग्रहण कर संत समाज को प्रताड़ित कर रही है। जिसे कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि यदि दिल्ली कालकाजी मंदिर का अधिग्रहण वापस नहीं लिया जाता है। तो संत समाज उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा। जिसका खामियाजा दिल्ली सरकार को भुगतना होगा।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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