हरिद्वार। सुर्य उपासना का महापर्व छठ महोत्सव की धूम धर्मनगरी में शुरू हो गई है। चार दिन तक चलने वाले भगवान सूर्य की उपासना के पर्व छठ का सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुभारंभ हो गया। बुधवार को अस्ताचलगामी और गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महोत्सव का समापन होगा। महिलाओं ने छठ पर्व को लेकर पहले से ही तैयार किए गेहूं को चक्की में पीसकर मंगल गीतों का गान कर भोग तैयार किया। विष्णुलोक कॉलोनी से प्रेम आश्रम घाट तक कलश यात्रा भी निकाली गई। सोमवार को छठ व्रतियों ने पूजा में भगवान भास्कर के लिए महाभोग को तैयार करने के लिए विधि विधान के साथ पूर्ण शुद्धता के साथ सुखाए गए गेहूं को हाथ चक्की से पीसा। साथ ही मंगल गीतों का गान कर भोग सामग्री तैयार करने का शुभारंभ किया। प्रसाद के लिए आटा छठ व्रतियों ने समूह में एकत्रित होकर पूरे उत्साह के साथ तैयार किया। इसी पवित्र सामग्री से छठ पर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर महाप्रसाद की तैयारी की जाएगी। इस दौरान 36 घंटे का निर्जल व्रत चैथे दिन उदीयमान भगवान सूर्य को प्रसाद सहित अर्घ्य के साथ संपन्न हो जाएगा। इस दौरान रंभा मिश्रा, हीरा दुबे, पार्वती पटेल, लीलावती दुबे, अनीता मिश्रा, सरस्वती मिश्रा, रेखा मिश्रा, पूनम दुबे, ऋतु ड्रोलिया, कल्पना पांडेय, परमेश्वरी ड्रोलिया, प्रीति देवी आदि महिलाएं शामिल रहीं।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
Comments
Post a Comment