हरिद्वार। सुर्य उपासना का महापर्व छठ महोत्सव की धूम धर्मनगरी में शुरू हो गई है। चार दिन तक चलने वाले भगवान सूर्य की उपासना के पर्व छठ का सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुभारंभ हो गया। बुधवार को अस्ताचलगामी और गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महोत्सव का समापन होगा। महिलाओं ने छठ पर्व को लेकर पहले से ही तैयार किए गेहूं को चक्की में पीसकर मंगल गीतों का गान कर भोग तैयार किया। विष्णुलोक कॉलोनी से प्रेम आश्रम घाट तक कलश यात्रा भी निकाली गई। सोमवार को छठ व्रतियों ने पूजा में भगवान भास्कर के लिए महाभोग को तैयार करने के लिए विधि विधान के साथ पूर्ण शुद्धता के साथ सुखाए गए गेहूं को हाथ चक्की से पीसा। साथ ही मंगल गीतों का गान कर भोग सामग्री तैयार करने का शुभारंभ किया। प्रसाद के लिए आटा छठ व्रतियों ने समूह में एकत्रित होकर पूरे उत्साह के साथ तैयार किया। इसी पवित्र सामग्री से छठ पर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर महाप्रसाद की तैयारी की जाएगी। इस दौरान 36 घंटे का निर्जल व्रत चैथे दिन उदीयमान भगवान सूर्य को प्रसाद सहित अर्घ्य के साथ संपन्न हो जाएगा। इस दौरान रंभा मिश्रा, हीरा दुबे, पार्वती पटेल, लीलावती दुबे, अनीता मिश्रा, सरस्वती मिश्रा, रेखा मिश्रा, पूनम दुबे, ऋतु ड्रोलिया, कल्पना पांडेय, परमेश्वरी ड्रोलिया, प्रीति देवी आदि महिलाएं शामिल रहीं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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