हरिद्वार। उत्तरांचल ग्राम्य विकास मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन का पांचवा द्विवार्षिक अधिवेशन हुआ। गुरुवार को गुरुकुल कांगड़ी विवि के प्रसार प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में केपी मेहता को प्रांतीय अध्यक्ष और मो. इमरान अंसारी को महामंत्री चुना गया। अधिवेशन का शुभारंभ मुख्य अतिथि उपायुक्त हरगोबिंद भट्ट और एके राजपूत ने किया। द्वितीय सत्र में जटाशंकर और रेशम सिंह, विनय सैनी की देखरेख में प्रांतीय कार्यकारिणी का चुनाव हुआ। इसमें प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र त्यागी, उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह, हरेंद्र सिंह रावत, आभा विष्ट, संयुक्त सचिव अशोक कुमार धमान्धा, कोषाध्यक्ष गगनदीप रावत को चुना गया। जबकि कल्पना नंदा को आजीवन संरक्षक नामित किया गया।पहले सत्र में पदाधिकारियों ने दोनों अधिकारियों मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के विकास अधिकारी के पदों पर 25 प्रतिशत कोटा आंवटित करने, विकास खंडों के तहत प्रभारी खंड विकास अधिकारी का कार्यभार वरिष्ठ प्रशासिनक अधिकारियों को देने की मांग की। अध्यक्ष केपी मेहता ने कहा कि विभाग में कनिष्ठ सहायकों की ओर से लेखा संबधी कार्य किए जाने पर मानदेय दिया जाए। इसके अतिरिक्त विभागीय पदोन्नति के समय अधियाचन वर्ष की रिक्तियों की गणना कर डीपीसी कराया जाए। महामंत्री मो. इमरान अंसारी ने कहा कि मिनिस्ट्रीयल संवर्ग की पृथक विभागीय सेवानियमावली प्रख्यापित, कनिष्ठ सहायकों की योग्यता स्नातक कर लेवल-5 में ग्रेड वेतन-2800 किया जाए।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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