हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सरकार से 30 नवम्बर तक देवस्थानम् बोर्ड को निरस्त करने की मांग की है। बोर्ड भंग नहीं किए जाने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल अखाड़े में बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि सरकार को मठ मंदिरों की सदियों से चली आ रही व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप से बचना चाहिए। संत समाज व पुराहितों द्वारा परंपराओं के अनुसार समाज हित के लिए मठ मंदिरों का संचालन किया जाता है। उन्होंनें कहा कि मठ मंदिरों के अधिग्रहण के विरोध में रविवार को अखिल भारतीय संत समिति द्वारा दिल्ली में आयोजित धरने में संत समाज द्वारा इस मांग को प्रमुखता से उठाया गया तथा निर्णय लिया गया है कि इस संबंध में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व संबंधित राज्यों के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि संत समाज द्वारा उत्तराखण्ड में गठित देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की मांग भी लगातार की जा रही है। समस्त संत समाज देवस्थानम् बोर्ड के विरोध में आंदोलन कर रहे तीर्थ पुरोहितों के साथ है। अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के नेतृत्व में संत समाज ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर बोर्ड को निरस्त करने की मांग की थी। लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी इस संबंध में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग करते हुए कहा कि जिस प्रकार तीनों कृषि कानून निरस्त करने का ऐलान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहनीय निर्णय लिया है, उसी प्रकार विधानसभा के आगामी सत्र में विधेयक लाकर देवस्थानम् बोर्ड को निरस्त किया जाए और संत समाज को आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर न किया जाए। मठ मंदिरों के अधिग्रहण तथा देवस्थानम् बोर्ड के मुद्दे पर केंद्र सरकार और राज्य नहीं जागी तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेद्रदास महाराज ने कहा कि सरकारों को मठ मंदिरों का अधिग्रहण करने के बजाए उनके संचालन में संत समाज का सहयोग करना चाहिए। मठ मंदिरों से होने वाली आय को संत समाज द्वारा शिक्षा, चिकित्सा जैसे सेवा प्रकल्पों पर खर्च किया जाता है। जिससे समाज के जरूरतमंद वर्ग को लाभ मिलता है। कोषाध्यक्ष श्रीमहंत जसविन्द्र सिंह महाराज ने कहा कि दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में संत समाज ने मांग की है कि सरकारों द्वारा अधिग्रहित मंदिरों की आय का सही उपयोग होना चाहिए। इस संबंध में अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी करेंगे। वार्ता के दौरान महंत खेम सिंह, महंत गोविंददास भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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