हरिद्वार। हरिद्वार कोविड के दौरान स्पेशल बनकर संचालित होने वाली ट्रेनें दोबारा सामान्य कर दी गयी हैं। यानि कोविड से पहले ट्रेनों के जो नंबर थे अब वही रहेंगे। इस संबंध में हरिद्वार रेलवे स्टेशन के पूछताछ केंद्र पर संशोधित समय सारिणी भी लगायी गयी है। पब्लिक रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) में भी अपग्रेडेशन का कार्य पूरा हो गया है। कोरोना के कहर को देखते हुए 23 मार्च 2020 को पूरे देश में लाकडाउन लगाया गया था। इसके चलते ट्रेनों के पहिए भी थम गए थे। हालांकि दो जून 2020 से सीमित संख्या में स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई। रूटीन ट्रेनों के नंबर के आगे शून्य लगाकर स्पेशल ट्रेन का दर्जा दिया गया। अब कोविड का प्रकोप कम होने के बाद रेलवे की व्यवस्था सामान्य होने लगी है। इस क्रम में स्पेशल बनकर संचालित होने वाली ट्रेनें दोबारा अपने पुराने नाम और नंबर से पहचानी जाएंगी। यानि इनके आगे लगा शून्य हटा दिया गया है। यात्रियों की जानकारी के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन के पूछताछ केंद्र के बाहर संशोधित समय सारणी में वर्तमान में संचालित 34 जोड़ी ट्रेन के पुराने और नए नंबर जारी किए गए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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