हरिद्वार। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति (रजि.) के तत्वावधान में महामहिम राष्ट्रपति के नाम अपर जिलाधिकारी पी.एल. शाह को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत पर स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए तत्काल पद्मश्री अवार्ड वापस लेने तथा देशद्रोह के अपराध में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत ने अभी कुछ दिन पहले एक टीवी चैनल पर खुलेआम यह बयान दिया है कि भारत को 1947 में जो आजादी मिली थी वह अंग्रेजों द्वारा भीख में दी गई थी तथा देश को वास्तविक आजादी 2014 के बाद मिली है। कंगना राणावत का यह बयान ना केवल ऐतिहासिक दृष्टि से झूठ और भ्रमित करने वाला है बल्कि इस बयान से देश की नई पीढ़ी के बच्चों में देश के स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और बलिदानियों के प्रति नफरत और असम्मान की भावना पैदा होगी। कंगना राणावत के उक्त बयान से उन लाखों क्रांतिवीरों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा शहीदों का घोर अपमान हुआ है जिन्होंने लंबे समय तक लड़े गए स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जान की बाजी लगा दी, जिन्होंने हँसते-हँसते फांसी के फंदे को चूम लिया और लंबे समय तक जेल में यातनाएं सही, इस बयान से उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों का अपमान और तिरस्कार हुआ है। कंगना राणावत ने अपने उक्त बयान से देश के स्वतंत्रता आंदोलन को ही खारिज कर दिया है, उसे पूरी तरह से अपमानित कर दिया है। यह और भी आक्रोश पैदा करने वाली स्थिति है कि यह बयान उस समय आया है जब भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। कंगना राणावत का यह कृत्य किसी भी तरह से क्षम्य नहीं है। सबसे बड़े दुख की बात तो यह है कि भारत सरकार द्वारा अभी तक उक्त अभिनेत्री के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसा अनर्गल बयान देने वाली अभिनेत्री को सरकार द्वारा पद्मश्री जैसे सम्मानित पुरस्कार से नवाजा जाना अत्यन्त खेदजनक है। कंगना राणावत के उक्त बयान से देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों में जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया है तथा स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारी किसी भी कीमत पर इस अपमान को चुपचाप सहन नहीं करेंगे। अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के बाद सेनानी परिवारों के सभी सदस्य नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे जहां नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा गया कि ‘‘शहीद जगदीश वत्स स्वतंत्रता सेनानी सेवा सदन‘‘ के लिए जो घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है उस पर अभी तक बोर्ड द्वारा विचार नहीं किया गया, अच्छा हो यथाशीघ्र यह प्रस्ताव बोर्ड में पास कराया जाए तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर सड़कों के नामकरण के प्रस्ताव को यथाशीघ्र पारित कराया जाए। स्वतंत्रता सेनानी परिवार अन्य संगठनों की तरह धरना प्रदर्शन नहीं चाहते, किन्तु यदि नगर प्रशासन इसी तरह उपेक्षा करता रहा तो मजबूरी में सभी वयोवृद्ध सेनानी परिवारों को नगर निगम कार्यालय के सामने ही अपना डेरा डालना होगा। ज्ञापन सौंपने वालों में समिति के संरक्षक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार,मार्गदर्शक मंडल सदस्य सुभाष घई, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सैनी, उपाध्यक्ष मुरली मनोहर, महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी, धर्मवीर धींगरा, नवीन शरण निश्चल, गोपाल नारसन, नरेश कुमार वर्मा, अशोक टंडन, यशपाल सिंह, अशोक कुमार चैहान, सुभाष चैहान तथा राकेश कुमार चैहान प्रमुख हैं।
हरिद्वार। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति (रजि.) के तत्वावधान में महामहिम राष्ट्रपति के नाम अपर जिलाधिकारी पी.एल. शाह को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत पर स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए तत्काल पद्मश्री अवार्ड वापस लेने तथा देशद्रोह के अपराध में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत ने अभी कुछ दिन पहले एक टीवी चैनल पर खुलेआम यह बयान दिया है कि भारत को 1947 में जो आजादी मिली थी वह अंग्रेजों द्वारा भीख में दी गई थी तथा देश को वास्तविक आजादी 2014 के बाद मिली है। कंगना राणावत का यह बयान ना केवल ऐतिहासिक दृष्टि से झूठ और भ्रमित करने वाला है बल्कि इस बयान से देश की नई पीढ़ी के बच्चों में देश के स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और बलिदानियों के प्रति नफरत और असम्मान की भावना पैदा होगी। कंगना राणावत के उक्त बयान से उन लाखों क्रांतिवीरों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा शहीदों का घोर अपमान हुआ है जिन्होंने लंबे समय तक लड़े गए स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जान की बाजी लगा दी, जिन्होंने हँसते-हँसते फांसी के फंदे को चूम लिया और लंबे समय तक जेल में यातनाएं सही, इस बयान से उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों का अपमान और तिरस्कार हुआ है। कंगना राणावत ने अपने उक्त बयान से देश के स्वतंत्रता आंदोलन को ही खारिज कर दिया है, उसे पूरी तरह से अपमानित कर दिया है। यह और भी आक्रोश पैदा करने वाली स्थिति है कि यह बयान उस समय आया है जब भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। कंगना राणावत का यह कृत्य किसी भी तरह से क्षम्य नहीं है। सबसे बड़े दुख की बात तो यह है कि भारत सरकार द्वारा अभी तक उक्त अभिनेत्री के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसा अनर्गल बयान देने वाली अभिनेत्री को सरकार द्वारा पद्मश्री जैसे सम्मानित पुरस्कार से नवाजा जाना अत्यन्त खेदजनक है। कंगना राणावत के उक्त बयान से देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों में जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया है तथा स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारी किसी भी कीमत पर इस अपमान को चुपचाप सहन नहीं करेंगे। अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के बाद सेनानी परिवारों के सभी सदस्य नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे जहां नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा गया कि ‘‘शहीद जगदीश वत्स स्वतंत्रता सेनानी सेवा सदन‘‘ के लिए जो घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है उस पर अभी तक बोर्ड द्वारा विचार नहीं किया गया, अच्छा हो यथाशीघ्र यह प्रस्ताव बोर्ड में पास कराया जाए तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर सड़कों के नामकरण के प्रस्ताव को यथाशीघ्र पारित कराया जाए। स्वतंत्रता सेनानी परिवार अन्य संगठनों की तरह धरना प्रदर्शन नहीं चाहते, किन्तु यदि नगर प्रशासन इसी तरह उपेक्षा करता रहा तो मजबूरी में सभी वयोवृद्ध सेनानी परिवारों को नगर निगम कार्यालय के सामने ही अपना डेरा डालना होगा। ज्ञापन सौंपने वालों में समिति के संरक्षक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार,मार्गदर्शक मंडल सदस्य सुभाष घई, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सैनी, उपाध्यक्ष मुरली मनोहर, महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी, धर्मवीर धींगरा, नवीन शरण निश्चल, गोपाल नारसन, नरेश कुमार वर्मा, अशोक टंडन, यशपाल सिंह, अशोक कुमार चैहान, सुभाष चैहान तथा राकेश कुमार चैहान प्रमुख हैं।
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