हरिद्वार। जनपद के त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 हेतु राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना संख्या 1254 दिनांक 10 मार्च 2021 एवं संशोधित अधिसूचना संख्या 86 दिनांक 22 जुलाई 2021 द्वारा पंचायत निर्वाचक नामावलियों का विस्तृत पुनरीक्षण कराया गया है, जिसके अनुसार निर्वाचक नामावलियों को तैयार कर 23 जुलाई 2021 को अन्तिम प्रकाशन कर दिया गया है। तदोपरान्त निदेशक पंचायतीराज, उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या 1126 22 सितम्बर, 2021 के क्रम में राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना संख्या 568,02 नवम्बर, 2021 के क्रम में जनपद हरिद्वार के आगामी पंचायत सामान्य निर्वाचन के दृष्टिगत विकासखण्ड खानपुर के नवगठित ग्राम पंचायत न्यामतपुर एवं प्रभावित ग्राम पंचायत मिर्जापुर सादात के पुर्नगठन तथा प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के अनुसार व्यवस्थित करने हेतु विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण निम्नाुसार कराये जाने के सम्बन्ध में जिला मजिस्ट्रेट, जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत), हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय ने आदेश दिये हैं। कार्यक्रमानुसार पुर्नगठन, पुर्न परिसीमन के अनुसार ड्राफ्ट निर्वाचक नामावलियों को तैयार किया जाने की अवधि 10 से 12 नवम्बर तक, ड्राफ्ट निर्वाचक नामावलियों का प्रकाशन,निरीक्षण,दावे तथा आपत्ति दाखिल करने की अवधि 15 से 20 नवम्बर तक (19 नवम्बर को राजकीय अवकाश),दावे तथा आपत्तियों की जांच, सुनवाई,निस्तारण की अवधि 22 से 23 नवम्बर तक, पूरक सूचियों की डेटा इन्ट्री, मुद्रण एवं मूल सूची के साथ संलग्न करना 24से 25 नवम्बर तक, निर्वाचक नामावलियों का अन्तिम प्रकाशन 26 नवम्बर को किया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट,जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) ने निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी,सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को विभिन्न संचार माध्यमांे से सर्व-साधारण को इसकी सूचना देने के निर्देश दिये। जिला निर्वाचन कार्यालय के सूचना पट्टों पर यह कार्यक्रम चस्पा करने के भी निर्देश दिये हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment