हरिद्वार। विश्व प्रसिद्ध विले वीसीएच जर्मनी द्वारा प्रकाशित जर्नल ऑफ सेपरेशन साइंस में कोरोनिल को स्थान मिला है। पतंजलि योगपीठ द्वारा मीडिया को जारी बयान में दावा किया है कि कोरोनिल आयुर्वेद की पहली औषधि है जिसने अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल के कवर पेज पर अपना स्थान बनाया है। जारी बयान में कहा गया कि पतंजलि इस दवा को चुनौती देने वालों का धन्यवाद करती है, जिनके कारण पतंजलि ने शीघ्रता से प्रमाणिक कार्य किया। पतंजलि ने दावा किया कि कोरोनिल ने कोरोना काल में जहां लाखों परिवारों के प्राणों की रक्षा की है वहीं लोगों को कोरोना के भय और अनेक भ्रम फैलाने वाले षडयंत्रकारी तत्वों से बचाने का काम किया है।यही वजह है कि रिसर्च जर्नल ने कोरोनिल औषधि के प्रभाव को प्रकाशित किया है। कोरोनिल के प्रभावशाली होने के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता में भी किसी तरह की न्यूनता नहीं मिली है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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