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सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन का गूढ रहस्य संस्कृत ग्रन्थों के माध्यम से ही प्राप्त-प्रो0जोशी

 हरिद्वार। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुनील कुमार जोशी ने कहा कि संस्कृत भारत की आत्मा है। भारत के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, दार्शनिक, सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन का गूढ रहस्य हमें संस्कृत ग्रन्थों के माध्यम से ही प्राप्त होता है। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि प्रो सुनील कुमार ने कहा कि आयुर्वेद को समझने के लिए षड् वेदांग को समझना अनिवार्य है। षड्वेदांग को समझने के लिये संस्कृत भाषा का ज्ञान होना अत्यावश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीरामानुज संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश भट्ट ने कहा कि संस्कृत भाषा राष्ट्र की एकता व अखंडता को बनाये रखने का एक उत्कृष्ट माध्यम है। क्योंकि ‘सर्वधर्म समभाव का मूल मन्त्र संस्कृत भाषा में ही समाहित है। अकादमी के शोध अधिकारी डॉ हरीशचन्द्र गुरुरानी ने बताया कि शोध सम्मेलन में 12 राज्यों के 50 प्रतिभागियों द्वारा शोधपत्रों का वाचन किया गया। अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन अकादमी के कोषाध्यक्ष कन्हैयाराम सार्की ने किया। इस अवसर पर डॉ राधेश्याम गंगवार, डॉ भारतनन्दन चैबे, डॉ. गणेश शंकर विद्यार्थी, डॉ शैलेश कुमार तिवारी, डॉ प्रकाश पन्त, डॉ मुकेश शर्मा, डॉहर्षानन्द उनियाल, डॉ दामोदर परगांई, डॉ सुमन भट्ट, डॉ. नवीन जशोला, डॉ. नौनीहाल गौतम, आचार्य रोशन गौड, मनोज गहतोड़ी आदि मौजूद थे।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।