हरिद्वार। कोटद्वार से देहरादून की ओर जा रही मैक्स चालक जंगल में रास्ता भटकने से पांच किलोमीटर बीहड़ जंगल में पहुंच गए। सूचना पर मौके पर पहुंची श्यामपुर पुलिस ने रेस्क्यू कर सभी 11 सवारियों को सुरक्षित बाहर निकाला। घना जंगल होने के चलते पुलिस को मौके पर पहुंचने में दिक्कतें हुई। तब तक सभी यात्रियों की सांस अटकी रही। पुलिस ने दूसरी मैक्स से सभी सवारियों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया। मंगलवार शाम कोटद्वार से एक मैक्स देहरादून की ओर जा रही थी, जिसमें चालक सहित 11 सवारियां सवार थी। कोटद्वार से लेकर लालढांग तक बीच में दो-तीन बरसाती नदियां पड़ती हैं। इन नदियों में अक्सर खनन का काम चलता रहता है। सिगड्डी सोत्र नाले में पहुंचकर मैक्स चालक खनन वाहनों वाले रास्ते में पहुंच गया और करीब पांच किलोमीटर घने और बीहड़ जंगल देख सवारियों को कुछ गलत होने का अंदेशा हुआ। जिसके बाद सवारियों ने गाड़ी रुकवा दी। घना जंगल और रास्ता काफी पथरीला होने से उनकी मैक्स भी अब चलने लायक नहीं थी। किसी सवारी ने इसकी सूचना हरिद्वार में रह रहे अपने रिश्तेदार को दी। उनके द्वारा सौ नंबर पर सूचना दी गई। श्यामपुर पुलिस को सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष श्यामपुर अनिल चैहान ने मामले की गंभीरता को समझते हुए लालढांग चैकी इंचार्ज वीरेंद्र रावत को टीम के साथ मौके पर पहुंचने को निर्देशित किया। हालांकि जिस स्थान पर गाड़ी फंसी हुई थी, वह कोटद्वार क्षेत्र में आता है, बावजूद इसके पुलिस अपना फर्ज निभाते हुए रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंच गयी। लालढांग चैकी इंचार्ज ट्रैक्टर ट्राली लेकर किसी तरह वहां पहुंचे। उसके बाद सवारियों की जान में जान आई। थानाध्यक्ष श्यामपुर अनिल चैहान ने बताया कि चालक रास्ता भूल गया था, जिसके बाद वह घने जंगल में फस गए। लालढांग से दूसरी मैक्स ले जाकर सभी सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। एवं पथरीले रास्ते में फंस कर खराब हुई मैक्स को ट्रैक्टर ट्राली के द्वारा लालढांग लाया गया है। मैक्स में सवार सभी सवारी सुरक्षित हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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