हरिद्वार। गैरइरादतन हत्या के मामले में द्वितीय अपर जिला जज भारत भूषण पांडेय ने वनकर्मी सुखवंत सिंह को पांच साल के कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मामले में तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है, जबकि चैथे आरोपी की मृत्यु होने पर उसके विरुद्ध केस की कार्यवाही समाप्त कर दी गई थी। शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार गुप्ता ने बताया कि 20 अक्टूबर 2010 तत्कालीन रानीपुर क्षेत्र में धोलखंड रेंज में एक ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक ग्रामीण के साथ गए दूसरे ग्रामीण धर्मपाल सिंह ने बदहवास हालत में गांव में पहुंचकर घटना की जानकारी दी थी। जंगल से आए ग्रामीण धर्मपाल सिंह ने बुल्ला वाला डोईवाला देहरादून निवासी मृतक बाबूलाल के परिजनों को बताया कि सुबह नौ बजे वह और बाबूलाल पशुओं के लिए घास लेने के लिए जंगल में गए थे। जहां तीन चार लोगों ने हमारे साथ मारपीट की। उन लोगों में से एक हमलावर ने गुस्से में आकर बाबूलाल को गोली मार दी। वह किसी तरह से अपनी जान बचाकर वहां के भागकर आया है। सभी गांव वाले इकट्ठा होकर जंगल में गए थे। जहां ग्रामीण बाबूलाल का शव पड़ा मिला था। मौके पर पहले से पार्क निदेशक व अन्य वनकर्मी मौजूद थे। अगले दिन मृतक के लड़के शिकायतकर्ता संदीप कुमार ने पांच वनकर्मियों सुखवंत सिंह पुत्र करनैल सिंह निवासी ग्राम जटपुर हल्द्वानी जिला नैनीताल, जयपाल सिंह रावत पुत्र जगत सिंह निवासी ग्राम बंजारावाला थाना पटेलनगर देहरादून, सतपाल सिंह पुत्र बनारसीदास, मोनू कुमार पुत्र सतपाल सिंह निवासीगण ग्राम बुधवाशहीद थाना बुग्गावाला और मौहम्मद सलीम पुत्र अब्दुल हसन निवासी ग्राम अंबुवाला थाना पथरी के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले में विचारण के दौरान आरोपी सतपाल सिंह की मृत्यु हो जाने के बाद कार्यवाही समाप्त कर दी गई थी। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 16 गवाह पेश किए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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