हरिद्वार। प्रभागीय वनाधिकारी के खिलाफ धरने पर बैठे वन कर्मियों को 20 से 25 वर्दीधारी वन आरक्षी और वन दरोगा ने धरने से जबरन उठाने का प्रयास किया। लेकिन वन कर्मी धरने से नहीं उठे। जबरन उठाने के प्रयास से नाराज वन कर्मियों ने 28 दिसंबर से पूरे प्रदेश में कार्यबहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। दूसरी ओर प्रभागीय वनाधिकारी के खिलाफ वन कर्मियों का धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 12वें दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को हरिद्वार वन प्रभाग की श्यामपुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी विनय राठी के नेतृत्व में 20 से 25 वन आरक्षी और दरोगा धरना स्थल पर पहुंचे। वन दरोगा और वन आरक्षी ने धरने पर बैठे वन कर्मियों से बहस करते हुए उन्हें जबरन हटाने का प्रयास किया, लेकिन वन कर्मी डीएफओ के ट्रांसफर की मांग को लेकर धरने पर अड़े रहे और धरने से नहीं उठे। इसके बाद एसडीएम पूरण सिंह राणा भी मौके पर पहुंचे और वन कर्मियों से बातचीत की। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने वन कर्मियों को समझाते हुए धरना समाप्त करने के लिए कहा। लेकिन वन कर्मियों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक हरिद्वार के नए डीएफओ डॉ धर्म सिंह मीणा का ट्रांसफर नहीं किया जाता है, उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। उत्तराखंड फोरेस्ट संयुक्त समिति के मुख्य संयोजक रणवीर सिंह रावत और संयोजक सचिव शेखर चंद्र जोशी ने बताया कि उत्तरांचल फॉरेस्ट मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि डीएफओ के खिलाफ 27 दिसंबर को प्रदेश के वन प्रभागीय कार्यालय में एक दिन का कार्य बहिष्कार और 28 दिसंबर से सभी कार्यालयों में अनिश्चित कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा। इस अवसर पर राजवीर सिंह, हरीश भट्ट, नरेंद्र कुमार, संजय कुमार सागर, रामकुमार वर्मा, दीपक नेगी, बालम नेगी, पंकज सैनी, महिपाल, महेश पंवार, जीत सिंह सैनी, पुष्पा जोशी, मयूरी गौतम, बबीता, निशा आदि मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment