हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के संस्थापक स्वामी श्रद्धानन्द का 95वां बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर दयानन्द स्टेडियम से श्रद्धानन्द चैक तक शोभायात्रा निकाली गई। जो दयानन्द स्टेडियम में आकर श्रद्धाजंलि सभा में परिवर्तित हो गयी। इस दौरान आर्य समाज गुरुकुल कांगड़ी ने स्वामी श्रद्धानन्द के चित्र व गायत्री मंत्र लिखित दीवार घड़ी का लोकार्पण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने हमें परंपरागत वैदिक शिक्षा भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत संस्कार विरासत में दिए हैं। पूर्व कुलसचिव प्रो. भारत भूषण विद्यालंकार ने कहा कि एक व्यक्ति जो पंजाब से चलकर आया उसने इस क्षेत्र को एक विश्वविद्यालय दिया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. सुनील कुमार ने लोगों का आभार व्यक्त किया। वित्ताधिकारी प्रो. वीके सिंह ने स्वामी श्रद्धानन्द के बताए हुए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र निर्माण का आह्वान किया। कार्यक्रम में डा. दयाशंकर विद्यालंकार, प्रो. आरकेएस डागर, रेणु शुक्ला, प्रो. सत्यदेव निगमालंकार, प्रो. प्रभात सेंगर, प्रो. मनुदेव, प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो. अम्बुज शर्मा, प्रो. राकेश कुमार, डा. अजेंद्र, डा.मयंक अग्रवाल, डा दीनदयाल, डा.ऊधम सिंह, प्रो.दिनेश चन्द्र शास्त्री, प्रो.आरसी दुबे, प्रो.राकेश कुमार शर्मा, डा.विपुल भट्ट, प्रो.सुरेंद्र, प्रो.देवेंद्र, प्रो. श्यामलता जुयाल, प्रो. सुचित्रा मलिक, प्रो. सत्येंद्र राजपूत, प्रो. विवेक गुप्ता, प्रो. डीएस मलिक, डा. जसबीर मलिक, डा. बीना विश्नोई, प्रो. ब्रह्मदेव, प्रो. पंकज मदान, डा. राकेश भूटियानी, डा. मौहर सिंह आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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