हरिद्वार। काशी विश्वनाथ मंदिर कारीडोर के उद्घाटन एवं प्रयागराज तथा चित्रकूट में आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होकर लौटे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने संतों के साथ पौराणिक दक्ष महादेव मंदिर में जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना कर राष्ट्र कल्याण की कामना की। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मोदी सरकार सनातन धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में निरंतर योगदान कर रही है। देश भर के संत महापुरूषों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर कारीडोर उद्घाटन किया। इस दौरान पूरे विश्व को सनातन धर्म की भव्यता व विशालता के दर्शन करने का अवसर मिला। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र संत महापुरूषों का बेहद सम्मान करते हैं। उनके नेतृत्व में पौराणिक व प्राचीन मठ मंदिरों का विकास हो रहा है। अयोध्या में राममंदिर निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। उत्तराखण्ड के हिमालय में स्थित उपेक्षित व जीर्णशीर्ण अवस्था में मौजूद पौराणिक मठ मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने की मांग करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि इससे उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन को गति मिलेगी तथा स्थानीय लोगों का रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के संस्थापक प्रवीण भाई तोगड़िया के काशी विश्वानाथ मंदिर को लेकर दिए गए बयान को लेकर उन्होंने कहा कि प्रवीण भाई तोगड़िया को भाषा में संयम बरतना चाहिए। काशी विश्वानाथ मंदिर अत्यंत प्राचीन है। अहिल्याबाई होल्कर ने कई सौ वर्ष पूर्व मंदिर का निर्माण कराया था। महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर में स्वर्ण कलश की स्थापना की थी। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि जिस प्रकार पौराणिक काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य रूप प्रदान किया गया है। उसी प्रकार देश के सभी ऐतिहासिक व पौराणिक मंदिरों को मुक्त कराकर उनका जीर्णोद्धार कराया जाए। अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के संरक्षण संवर्द्धन के लिए अनेक कदम उठा रही केंद्र सरकार को मठ मंदिरों को अधिग्रहण से बचाने तथा अधिग्रहित मंदिरों को मुक्त कराने के लिए कानून बनाना चाहिए। इस दौरान महंत गोविंददास महाराज, महंत सूर्यमोहन, हनुमान बाबा, महंत रामदास, स्वामी कल्पेन्द्र पुरी महाराज, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, विनोद पुजारी आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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