हरिद्वार। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 4 दिसम्बर को होने वाले स्नातक स्तरीय विभिन्न पदों के लिए लिखित परीक्षा के दृष्टिगत जिला मजिस्टेªट ने परीक्षा केन्द्रो के आस-पास धारा 144 लागू कर दी है। इस दौरान परीक्षा केन्द्र से सौ मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू रहेगी। 04 दिसम्बर दिन शनिवार को एक पाली अपरान्ह 03.00 से सांय 05.00 बजे के मध्य तथा 05.दिसम्बर को 02 पालियों यथा प्रथम पाली प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे के मध्य व द्वितीय पाली अपरान्ह् 02.00 बजे से सांय 04.00 बजे के मध्य हरिद्वार नगर के विभिन्न स्कूलों में कराया जायेगा। परीक्षा को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराये जाने के दृष्टिगत विधि व्यवस्था तथा शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए हरिद्वार नगर के उपरोक्त परीक्षा केन्द्रों एवं उनके आस-पास की 100 मीटर की परिधि में अवधेश कुमार सिंह, नगर मजिस्टेªट हरिद्वार द्वारा धारा 144 सी0आर0पी0सी0 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए निम्न आदेश पारित किये गये है कि हरिद्वार नगर क्षेत्र के उपरोक्त परीक्षा केन्द्रों के आस-पास की 100 मीटर की सीमा के अन्तर्गत जिला मजिस्टेªट हरिद्वार अथवा अपर जिला मजिस्टेªट अथवा नगर मजिस्ट्रेट हरिद्वार की पूर्वानुमति के बिना पंाच या पांच से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे और न ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे और न ही जुलूस आदि निकालेंगे। कोई भी व्यक्ति उपरोक्त परीक्षा केन्द्रों के आस पास अपने किसी कार्यक्रम द्वारा जन भावनाओं को किसी प्रकार से नहीं भडकाएगा और कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा जिससे सार्वजनिक लोक शांति भंग होना सम्भाव्य हो। निर्धारित मानकों से अधिक किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण फैलाना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। भारत सरकारध्राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय≤ पर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जायेगा। उपरोक्त आदेशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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