हरिद्वार। बैंकों के निजीकरण के खिलाफ शुक्रवार को भी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही। कर्मचारी हड़ताल के दूसरे दिन चंद्राचार्य चैक पर जमा हुए। जहां से बैंक के हड़ताली कर्मचारियों ने रैली निकाल कर बैंक के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बैंक कर्मचारियों की रैली कई मार्गों से होते हुए वापस चंद्राचार्य चैक पर आकर समाप्त हुई। बैंकों के निजीकरण के खिलाफ यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने गुरुवार से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल शुरू की थी। शुक्रवार को हड़ताल के दूसरे दिन हड़ताली कर्मचारी चंद्राचार्य चैक के समीप पंजाब नेशनल बैंक की अहमदपुर ब्रांच के बाहर एकत्र हुए। जहां कुछ देर आम सभा करने के बाद हड़ताली कर्मचारियों ने रैली भी निकाली। कर्मचारियों की बैंक के निजीकरण के खिलाफ निकाली रैली चंद्राचार्य चैक से शंकर आश्रम चैक तक गई। जिसके बाद रैली शंकर आश्रम चैक से पुराने रानीपुर मोड़ से होती हुई चंद्राचार्य चैक पर समाप्त हुई। उधर, हड़ताल के कारण शुक्रवार को भी बैंकों में लेन-देन का कोई काम नहीं हुआ। इस कारण दिनभर लोग परेशान रहे। संबंधित बैंकों के ग्राहकों को बैंकों का कामकाज बंद होने की वजह से जमा और निकासी, चेक समाशोधन और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं ठप होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रैली में राजकुमार सक्सेना, राहुल खुराना, कुंदन, शोभित शर्मा, प्रतीक, बालकिशन, दिनेश गुप्ता, हिमांशु, दीपिका, नेहा, प्रकाश, ललित, शिल्की, रवि, मनीष शशांक भारद्वाजआरके शर्मा, एसके खन्ना, हिमांशु, वीरपाल सिंह, प्रियंका, अंजू सिंह, राजकुमार, पंकज, पवन कुमार, विजेंद्र बिष्ट, कपिल, मनोज कुमार, मुकेश, राहुल, बीएस नेगी, रणजीत सिंह, सुभाष, अरविंद सिंह, ऋषभ कुमार, प्रदीप कुमार, अवनीश कुमार, अनिल कुमार, रवि, अमित कुमार, ओमवीर सिंह, सुबोध कुमार गुप्ता, महेश सहित तमाम कर्मचारी मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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