हरिद्वारं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन का दो सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को सीएमओ कार्यालय में चैथे दिन भी धरना जारी रहा। एनएचएम कर्मियों के कार्य बहिष्कार का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर देखने को मिला। मेला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को बिना उपचार के वापस जाना पड़ा। जबकि ब्लड बैंक में कर्मचारियों की कमी के चलते शाम की पाली को आनकॉल चलाने का नोटिस चस्पा मिला। कर्मचारियों ने आंदोलन के दूसरे चरण में आक्समिक सेवाओं में कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। जिसके चलते जिला अस्पताल, मेला अस्पताल और ब्लड बैंक की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। मेला अस्पताल में सुगर, ब्लड प्रेशर जैसी सामान्य जांच पूरी तरह बंद रही। सोमवार को करीब 23 लोग वापस लौट गए। शिवलोक से आयी बुजुर्ग महिला प्रेमवती ने बताया कि वह अपने सुगर और बीपी की जांच के लिए आयी थी। लेकिन यहां आकर पता चला कि स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं । रेलवे कालोनी से आए मांगेराम भी जांच के लिए मेला अस्पताल पहुंचे थे। जांच रुम बंद देख वो भी वापस लौट गए। ब्लड बैंक के बाहर तो शाम की चार से आठ की पाली को ऑनकाल करने का नोटिस भी चस्पा कर दिया है। वहीं जिला अस्पताल में एक्सरे मशीन पर एक ही टैक्नीशियन से काम चलाया गया। बलगम की जांच वाले कक्ष पर भी कार्य बहिष्कार का नोटिस चस्पा था। वहीं ज्वालापुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर होने वाले टीकाकरण पर भी एनएचएम की हड़ताल का असर देखने को मिला।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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