Skip to main content

राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य श्याममल प्रधान का स्वागत किया


 हरिद्वार। गुरु रविदास लीला समिति मोहल्ला कड़च्छ के पदाधिकारियों ने ज्वालापुर स्थित संत शिरोमणी गुरू रविदास चैक पर सम्मान समारोह का आयोजन कर उत्तराखण्ड अनुसूचित जाति आयोग में सदस्य नामित किए गए श्याममल प्रधान का फूलमालाएं पहनाकर व मिठाई खिलाकर स्वागत किया। इस दौरान अंबेडकर नगर, शास्त्री नगर, अहबाबनगर एवं कैथवाड़ा के लोग बड़ी संख्या में शामिल रहे। इस अवसर पर श्यामल प्रधान ने भारत रत्न डा.बीआर अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि समाज की समस्याएं दूर करने के साथ बाबा साहेब के मिशन को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। अनुसूचित जाति आयोग में सदस्य नामित किए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का आभार प्रकट करते हुए श्याममल प्रधान ने कहा कि  भारतीय जनता पार्टी एवं सरकार की नीतियों को जन -जन तक पहुंचाने के साथ अनुसूचित जाति समाज के लिए घोषित केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ दिलाया जाएगा। उन्होंने गुरु रविदास लीला समिति मोहल्ला कड़च्छ के समस्त पदाधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया। स्वागत समारोह में किरण पाल सिंह, पार्षद नेपाल सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता योगेन्द्र पाल रवि, पार्षद राजेंद्र कटारिया,पूर्व पार्षद लक्ष्मी देवी, पार्षद सपना शर्मा, रामेश्वर दयाल एवं वरिष्ठ भाजपा नेता सुभाषचंद,रमेश गौड़, राखी देवी, विजय पाल, विजय कुमार, डा.देशराज, राजेंद्र पटेल, पवन दबोडिया, अनिल दुबे, अरविंद नोटियाल, महीपाल सिंह, सोमपाल सिंह, सुशीला देवी, रविंद्र कुमार, रीता देवी, पूजा देवी, मानसिँह, चमेली देवी, हेमंत कुमार, दिपांशु, सोनित कुमार, सुखलाल, हरीश कुमार, शेरसिंह, महेंद्र पाल चीफ डायरेक्टर गुरु रविदास लीला समिति, मेहरचंद,मुनमुन शर्मा,देवेश कुमार एडवोकेट, सतीश कुमार ,राजन कुमार,शिवपाल रवि, विनोद कुमार, बबीता, कस्तूरी देवी, मोनू कुमार, विशु, अभिषेक, तिरमल, रोहित, मनीष प्रिज्जवल, अभिषेक आदि सहित प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


Comments

Popular posts from this blog

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस