हरिद्वार। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में रविवार को युवाओं ने पैदल मार्च निकाला। पैदल मार्च के माध्यम से युवाओं ने प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी के खिलाफ राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर में पूरी तरह असफल रही है। सिडकुल में स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराने में भी सरकार नाकाम रही है। एनएसयूआई का हल्ला बोल पैदल मार्च शंकर आश्रम चैक से आरंभ हुआ। युवाओं के इस पैदल मार्च को एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी और श्रमिक नेता मुरली मनोहर ने एनएसयूआई का ध्वज दिखाकर रवाना किया। पैदल मार्च चंद्राचार्य चैक पर खत्म हुआ। प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने युवाओं को छलने का काम किया है। राज्य में शिक्षित बेरोजगारी का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के युवा मुख्यमंत्री के राज में भी युवा हताश हैं। प्रदेश में बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। छात्र बदहाल शिक्षा व्यवस्था के कारण सही और उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। श्रमिक नेता मुरली मनोहर ने कहा कि हरिद्वार में सिडकुल बनने का फायदा भी स्थानीय युवाओं को नहीं मिल पा रहा है। जिसकी जवाबदेही राज्य सरकार की है। कार्यक्रम संयोजक उत्कर्ष वालिया ने कहा कि स्थानीय युवाओं के साथ अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पैदल मार्च में धनीराम शर्मा, शिवम राणा, गौरव शर्मा , अमन गर्ग, पार्षद अनुज सिंह, पार्षद राजीव भार्गव, चंद्र शेखर चैधरी, दीपांशु बालियान, सुनील कुमार, वैभव पाल, अजय चैहान, आशुतोष श्रीवास्तव, गौतम कुमार, हाजी साबुद्दीन, वैभव निर्वाल, मोहित त्यागी, अजय चैहान,मोहित देशवाल, नावेद अंसारी आदि बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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